Nityam Nischal  
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A little writer looking for complete story
13 october starting day
Joined 3 May 2021


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13 october starting day
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22 DEC 2022 AT 5:49

फलक से सितारे लाओ की
शहर में रोशनी कम है,
और ये बरसात यूं ही नही है
मेहबूब की आंखें नम है।


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23 AUG 2022 AT 20:33

आज बड़े दिनों के बाद उससे मुलाकात हुई,
हम बैठे और फिर वही पुरानी बात हुई,
उसने कहा कभी याद किया, कोई फ़रियाद किया,
ना कभी मैसेज किया,ना ही कोई खत दिया।

मैने कहा खत, हां दिया न खत,

एक खत तुम्हारी आंखों को,
एक खत उन आंखों को,
एक दिया तेरी सूरत को,
संगमरर सी बनी उस मूरत को।

एक खत तुम्हे पाने की मुस्तकिल को,
एक खत तुम्हारी पांव में चुभे कील को,
एक दिया उस बस ड्राइवर माईकिल को,
जिससे पीछा किया उस पुरानी साइकिल को,

एक खत तुम्हारी पहली झलक को,
एक खत पीछे वाली सड़क को,
एक दिया सांसों की सिसक को,
हमारे बिछड़ने के बाद हर पल के कसक को।

एक खत तुम्हारे साथ गुजारे शाम को,
एक खत तुम्हारे खूबसूरत नाम को,
एक दिया तेरे आशिक तमाम को,
फिर तुम्हारे जाने के बाद हर पल जाम को।

एक खत तुम्हारे कदमों के धूल को,
एक खत तुम्हे दिए फूल को,
एक दिया अपने स्कूल को,
और आखिरी दिया
हमारे प्यार करने की उस भूल को।

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11 JUL 2022 AT 14:30

ये आंसू नहीं बचा हुआ टुकड़ा मेरे जाम का है,
मय बुरी नही ये चीज बड़े काम का है,
अरे इश्क जुनून मांगती हैं साहेब,
आपने कैसे कह दिया ये सौदा बड़े आराम का है।

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14 JUN 2022 AT 23:43

तुम्हें बहुत मजा आता है हमें सताने में,
अब तो काफी देर कर दी तुमने आने में,
हमारा पता गैरों से क्यों पूछते हो,
शाम को चले आना उसी मयख़ाने में।

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31 JAN 2022 AT 7:38

हाल-ए-दिल कैसे बताए आपको ,
धड़कन सुन लीजिए समझ जाइयेगा ।

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24 JAN 2022 AT 11:07

रात थोड़ी जवान सी,
मेहबूब थोड़ा परेशान सा,
इश्क़ भी थोड़ा नादान सा,
फिर तुम पूछते हो,
हंगामा किस बात पर।

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21 JAN 2022 AT 18:01

प्रेमिका के सपने और चाँद का दर्शन,
नादान की नींद छिन लेता है।

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20 JAN 2022 AT 20:55

मौत मिलने आयी थी हमसे,
उसे भी जिंदगी का मतलब समझा दिया।

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19 JAN 2022 AT 11:38

काश तु चाय सी मीठी हो जाए ,
बस तुझे देखूँ और होंठों से लगाने का मन हो जाए।

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13 JAN 2022 AT 20:39

हमें कुछ होता है तो फ़िक्र करते हो,
अगर दिल्लगी है तो बोल दो,
बेवजह क्यों महफ़िलों में ज़िक्र करते हो।

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