I had all the colors in me,
Yet, I chose to gaze at the rainbow through my window,
That was easy, and I was blissfully unaware, of myself.-
एक इंसान जीवनभर
अपने हिस्से
अलग अलग चीज़ों में बाँटता है।
मसलन अपने शहर में,
अपनी पसन्दीदा घूमने की जगहों में,
अपने कमरे में रखी किताबों के ढ़ेर में,
अपनी पसन्द की फिल्मों में,
जिनके साथ वो हँसा है या रोया है,
उन लोगों में,
जिन रास्तों पर वो अक्सर भटका,
उन रास्तों में,
अपना अक्स निहारते हुए,
दीवार पर टँगे उस आईने में,
और भी कितनी ही चीज़ो में,
उसकी आत्मा के हिस्से अमानत बन कर समाये हैं।
तुम किसी एक जगह को जान कर,
उसके कुछ हिस्सों को पहचान कर,
उस इंसान को पूरा जानने का दावा नहीं कर सकते.-
It means like returning home,
After a tiring day.
It means the warmth of tea,
After a bothering headache.
It feels as warm as december sun,
After the chilly winds.
It feels like the hard climb to hill top,
To watch the amazing sunset there.
It feels like my favorite tv show,
Which i've watched countless times and still is my solace.
Love is like these all sweet and sour things,
Which you accept and feel grateful for.
Love isn't extraordinary in bits and pieces,
It is a big picture to be adored.-
Spring
Smelled
Like love,
All fragrant, colorful,
Yet hiding so much beneath.
Spring sunlight makes things brighter than they are.-
तारों को डर है,
सुब्ह को तेरा साथ उनसे छूट जाएगा।
चाँद उदास रहेगा,
कि उसकी रौशनी का साया,
सूरज से भला क्या मुकाबला कर पायेगा।
ऐ रात के मुसाफ़िर,
जो रात ढ़लने लगे,
तू चाँद तारों को समझाता आना,
कि भटक कर दिन भर,
मैं सुकून की तलाश में,
रात की ठंडक ही ढूंढूंगा।
तीखी रौशनी से जब
थक जाएंगी मेरी आँखें,
मैं आँखे बंद करने
तारों की छाँव में वापस आऊँगा।-
अक़्सर हम खुद हो जाते हैं पृथ्वी,
और बना देते हैं
अपना सूर्य किसी और को।
हमें खुद बनना होगा सूर्य,
अपने ब्रम्हांड का।-
मैं उम्र के आखिरी पड़ाव तक पहुँचते पहुँचते,
कविताओं और कहानियों से भरी,
एक किताब हो जाना चाहती हूँ।
इतनी कहानियाँ कि उनके भार से
पड़ें मेरे शरीर पर सिलवटें,
मेरी झुर्रियों के पीछे गुज़रते वक़्त का हाथ न हो।
मैं बढ़ती उम्र से नहीं थकना चाहती,
मैं अनगिनत शब्दों के मीठे बोझ से थकना चाहती हूँ।-
जो अपने से भिन्न व्यक्तित्व को भी,
सहजता से समझने का प्रयत्न करे।
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तुम अग़र किसी के काम से शर्मिंदा हो,
तो तुम खुद इस लायक बनो,
कि या तो तुम उन्हें और उन जैसों
का जीवन स्तर ऊपर उठाने में कामयाब हो पाओ,
या तुम अपना ही जीवन ऐसा बना लो,
कि समाज के किसी एक व्यक्ति के लिए भी,
एक अच्छा उदाहरण बन सको।
अन्यथा वह शर्मिंदगी या दया,
अंततः सतही और बेकार है।-
गर एक दिन भर सब आसान हो जाये,
किसी चीज़ के लिए,
किसी सपने को पूरा करने के लिए,
तकदीर से लड़ना न पड़े,
वो सब हमें यूँ ही मिल जाये,
तो कितनी बोझिल हो जायेगी ज़िंदगी।
लेकिन ये जो कुछ हासिल करने की ललक है,
जो खुद से किये वादे निभाने
की संजीदगी है,
वही तो हर सुबह उठने की वजह है,
वही तो सादे से जीवन में,
पसीने के नमक सा स्वाद है,
वही तो जीवन है।-