कई दर्द हैं मेरी ज़िन्दगी में,
जिसे मैं हँस कर दरकिनार कर देती हूँ
बस एक आपकी दूरी का दर्द हैं,
जो मूझसे सहा नहीं जाता है " जनाब "🥺🐼-
सवाल घमंड का नहीं, इज्ज़त का है।
कोई अगर लहज़ा बदले,
तों हम राश्ता बदल देते हैं।
आपकी बात और है,
आपसे मोहब्बत है "जनाब"
तभी आपका हर सितम सहते हैं।
वरना जहां हमें अल्फ़ाज़ चुभे ,
वहां हम रिश्ते ख़त्म कर देते हैं। 😘🐼-
हमारे तो झुमके भी उनका,
बेसब्री से इंतज़ार करते हैं " जनाब "
हम अपने दिल की हालत,
बयाँ ना हीं करें तो अच्छा हैं।-
मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को,
कभी मिलाने की कोशिश मत करना।
क्यों कि, मेरा व्यक्तित्व मैं खुद हूँ,
और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है " जनाब "-
नहीं चाहिए मुझे साथ,
किसी से जबरदस्ती का।
अगर मैं पकड़ूं हाथ उसका,
तो पकड़ उसकी भी तो,
मजबूत होनी चाहिए "जनाब"-
जरा सोच कर देखिए "जनाब"
क्या बीतेगी आप पर,
अगर मैं आपके लहज़े में,
आपसे बात करूं। 🐼🥺-
दिल, होंठ, आँखें , सब थक जाते है जनाब
झुठ-मूढ का हंसते हंसते 😊,☹️
अफसोस कि कभी कंधा नहीं मिला,
जीभर कर रोने के लिए 🥺🥺-
बड़े हसीन थे वो पल,
जब हम क़रीब थे।
कुछ पल के वो मिलन में,
सारी कायनात की खुशियाँ समाई थी।
थाम कर हाथ हम दोनों,
कुछ क़दम साथ चलें थे।
कुछ पल के वो सफ़र में,
जैसे जन्नत सी मंज़िल हमने पाई थी।-
सब देखना चाहते हैं मुझे,
अपने अपने हिसाब से।
कोई मुझे भी तो जीने दो,
मेरी सख्शियत अपने हिसाब से।-
हाँ माना बेशक थोड़ी अजीब हूं मैं दुसरो के लिए
पर अपने हिसाब से, बेहद अजिज हूं अपने लिए
क्यों बदलूं मैं खुद को किसी और के हिसाब से.?
जो हूं जैसी भी हूं "जनाब" बेहद ख़ास हूं मैं अपने लिए-