हर शख्श अपना है जहाँ में,
बस तू किसी को आजमाना मत,-
Nitin Vaishnaw
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Auditor
Joined 16 April 2020
28 MAR 2023 AT 11:32
अपना हक़ भी मुझको हक़ से चाहिये,
खैरात में तो मुझको ख़ुदा भी मंज़ूर नहीं,-
15 SEP 2022 AT 16:50
असमानों के परिंदे घर को,
लौटते क्यो नही,
क्या इनको भी अपनों ने,
घर से निकाला है,-