एक पत्र (दोस्ती के नाम) जो पहले कुछ वक्त की बात थी कभी वो खूबसूरत यादें अब कुछ पक्की सी हो गई! जो बातें झूठे वादे सी लगती थी कभी पर ना जाने क्यू अब वो सच्ची सी हो गई! यूं तो हर रोज मिलते है कई अजनबी लगता है अब तुमसे दोस्ती पक्की सी हो गई! हैप्पी बर्थडे सपोली 🪱👻
वैसे तो लोग अपनो को बुलाते है प्यारे नामो से पर मैने तुम्हारे नाम बड़े अनोखे रखे है तुम कितना भी बंद कर लो अपने ज़िंदगी के द्वार हमने अपने आने जाने के लिए कुछ झरोखे रखे है🤗 तुम्हारा सपोलु ✍️
अब बहुत हुआ अब बस भी करो यूं अपने तरीके से मुझे चलाना कितनी होगी मुस्कान मेरी... अब ये भी क्या हम तुमसे पूछे!!? कितनी होगी ये उड़ान मेरी... अब ये भी क्या हम तुमसे पूछे!!? (कतरा कतरा तो काट चुके हो तिनका तिनका तो बांट चुके हो) कहां जाना है कहां नहीं इस पर तो हक पहले ही है किसे चाहना है किसे नहीं अब ये भी क्या हम तुमसे पूछे !!?
चल ~आ...बैठ, कुछ घड़ी ..दिल की कुछ बात करते है, अनजान लोगों से ही सही मगर अपने दिल के राज कहते हैं!! है जो कैद इस दिल में ना जाने कितने मुद्दतों से; आज उसको भी अपनी यादो से आज़ाद करते है!! चल ~आ...बैठ, कुछ घड़ी... दिल की कुछ बात करते है
तू गंगा घाट की शांति सी मै चांदनी चौक का शोर प्रिये तू है इलाज़ सब मर्जो का मै कैंसर जैसा रोग प्रिये तू है अमर कई जन्मों से मै विष का प्याला घनघोर प्रिये तू है बसंत सी खिली खिली मै पतझड़ की कोई भोर प्रिये तू है खूबसूरती का केंद्र बिंदु मै बेढंग सा कोना किसी ओर प्रिये तू गंगा घाट की शांति सी और मै🤪 चांदनी चौक का शोर प्रिये
ये बातें भूलेंगी नहीं कभी जैसे उसका वो खिलखिला कर हसना अपनी हर बात मुझसे बेखौफ कहना उसका वो बेपरवाह बोलते जाना उसका वो अनबोलते जानवरों से प्रेम दिखाना उसका वो सब की मदद के लिए हाथ बढ़ाना उसका वो टफ होने का ढोंग दिखाना😜 अपने स्कूटी में सारा जहान समेट कर लाना उसका मेरे बुरे दिनों में मुझे ढांढस बांधाना मेरे नाम पे दुनिया वालों से लड़ जाना आंखों आंखों में दिल की बात कह जाना ये बातें भूलेंगी नहीं कभी