Nitin Shukla   (Mukkamal_अल्फ़ाज़)
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Dil me aaya likh Diya
Joined 10 September 2018


Dil me aaya likh Diya
Joined 10 September 2018
16 NOV 2021 AT 10:14

एक पत्र (दोस्ती के नाम)
जो पहले कुछ वक्त की बात थी कभी
वो खूबसूरत यादें अब कुछ पक्की सी हो गई!
जो बातें झूठे वादे सी लगती थी कभी
पर ना जाने क्यू अब वो सच्ची सी हो गई!
यूं तो हर रोज मिलते है कई अजनबी
लगता है अब तुमसे दोस्ती पक्की सी हो गई!
हैप्पी बर्थडे सपोली 🪱👻

वैसे तो लोग अपनो को बुलाते है प्यारे नामो से
पर मैने तुम्हारे नाम बड़े अनोखे रखे है
तुम कितना भी बंद कर लो अपने ज़िंदगी के द्वार
हमने अपने आने जाने के लिए कुछ झरोखे रखे है🤗
तुम्हारा सपोलु ✍️

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22 OCT 2021 AT 23:30


कुछ अपने गए छोड़ कर...
कुछ परायों ने अपनाया है
ये ज़िंदगी है साहब ~ यहां
राहगीरों का हिसाब नही रखा जाता !!

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19 MAY 2021 AT 18:00

अब बहुत हुआ अब बस भी करो
यूं अपने तरीके से मुझे चलाना
कितनी होगी मुस्कान मेरी...
अब ये भी क्या हम तुमसे पूछे!!?
कितनी होगी ये उड़ान मेरी...
अब ये भी क्या हम तुमसे पूछे!!?
(कतरा कतरा तो काट चुके हो
तिनका तिनका तो बांट चुके हो)
कहां जाना है कहां नहीं
इस पर तो हक पहले ही है
किसे चाहना है किसे नहीं
अब ये भी क्या हम तुमसे पूछे !!?


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16 MAY 2021 AT 13:52

चल ~आ...बैठ,
कुछ घड़ी ..दिल की कुछ बात करते है,
अनजान लोगों से ही सही
मगर अपने दिल के राज कहते हैं!!
है जो कैद इस दिल में
ना जाने कितने मुद्दतों से;
आज उसको भी अपनी
यादो से आज़ाद करते है!!
चल ~आ...बैठ,
कुछ घड़ी... दिल की कुछ बात करते है

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7 OCT 2020 AT 13:59

तू गंगा घाट की शांति सी
मै चांदनी चौक का शोर प्रिये
तू है इलाज़ सब मर्जो का
मै कैंसर जैसा रोग प्रिये
तू है अमर कई जन्मों से
मै विष का प्याला घनघोर प्रिये
तू है बसंत सी खिली खिली
मै पतझड़ की कोई भोर प्रिये
तू है खूबसूरती का केंद्र बिंदु
मै बेढंग सा कोना किसी ओर प्रिये
तू गंगा घाट की शांति सी
और मै🤪 चांदनी चौक का शोर प्रिये

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7 OCT 2020 AT 13:28

ये बातें भूलेंगी नहीं कभी
जैसे उसका वो खिलखिला कर हसना
अपनी हर बात मुझसे बेखौफ कहना
उसका वो बेपरवाह बोलते जाना
उसका वो अनबोलते जानवरों से प्रेम दिखाना
उसका वो सब की मदद के लिए हाथ बढ़ाना
उसका वो टफ होने का ढोंग दिखाना😜
अपने स्कूटी में सारा जहान समेट कर लाना
उसका मेरे बुरे दिनों में मुझे ढांढस बांधाना
मेरे नाम पे दुनिया वालों से लड़ जाना
आंखों आंखों में दिल की बात कह जाना
ये बातें भूलेंगी नहीं कभी

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1 OCT 2020 AT 22:28

मुझसे भुलाया नहीं जाता
वो अनकहा सा प्यार भी,
यहां लोग रोज़ नया
महबूब बनाए बैठे है!!

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30 SEP 2020 AT 11:46

हम नज़रों में ही बात करे
वहीं अच्छा होगा शायद अब,
'शब्द' दुनिया में आते ही
बेगैरत हो जाते है.!!!

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28 SEP 2020 AT 19:59

पत्थर जैसे दिल भी पिघलते है
सच्चे प्यार की तपन तो हो

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28 SEP 2020 AT 13:16

उड़ना था मुझे भी,
यूं खुले आसमान में.!!!
खिलना था मुझे भी,
इस बेरंग जहान्न में.!!!
(तूने ज़िम्मेदारियों की कैद में
मेरे सपने बंद कर रखे हैं )

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