हर अंत से शुरू होती है एक नई शुरुआत
अक्सर सबसे काली रातों के बाद आती है, प्यारी सुबह
टूटे पेड़ों से निकलती है, नई कपोले,
अक्सर हृदय द्रवित कर देने वाले दिनों के बाद आते है, सबसे मनमोहक दिन,
नियति को हम नही समझ सकते, बस इतना याद रखना सबसे कठिन प्रस्थितियों के बाद ही सबसे सुहाने क्षण
आते है
समय के गर्भ में क्या है, किसी को नही पता
मगर सबसे सुंदर मोती उसी को मिलता है, जो सबसे
ज्यादा गहराई मे उतरता है,
जो भी खोया है, वो नही मिल सकता, पर आशा है
अब आगे उससे अच्छा मिलेगा, ईश्वर सब ठीक करता है
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जो तुझसे बिछड़ के जिंदा हूँ,
ख़ुद से बेहद शर्मिंदा हूँ |
मेरी जान बसी है पिंजरे में,
कहने को आज़ाद परिंदा हूँ |
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ग़मों का, यादों का, जज्बातों का, दरिया शराब..
बात कोई कहनी हों सच्ची, तो जरिया शराब.....
इस दुनिया में हों, सबसे बढ़िया तुम,
और तुमसे बढ़िया "शराब".....-
Tu jada se jada kisi ka kya karega
Dil se mayoob, aur kitna girega...
Tu kisi bure insaan se intekaam na lein
Upar wala hisaab tujhse acha karega...-
लोग कुछ हमसे बेहतर हैं, कुछ तुमसे बेहतर,
कोई नहीं जानता हमें, हमसे बेहतर....
ना बदलना सिरत अपनी कभी किसी के लिए,
ढूंढ़ने वाला ढूंढ़ ही लेगा कोई, तुमसे बेहतर...
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क्या सोचा था, और क्या हो रहा है?
क्या पता किस वजह हो रहा है
दिन गुज़र रहें हैं, किसी बद्दुआ की तरह
जो हो चुका है वो फिर हो रहा है
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किये थे सब सवाल पहले,
मिले थे सब जवाब पहले,
फिर आ खड़े है, उसी जगह,
जहाँ खड़े थे कुछ साल पहले....
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मैं कितना भी चाहु, इस शहर से वो मोहब्बत हो नहीं पाती।
की इन पक्की सड़को पर बारिश की वो खुसबू नहीं आती।
यहाँ सभी का बस एक दोस्त "मतलब" हैं,
कहो तुम कैसे हो? किसी की सदा नहीं आती।
की सारे शहर में ज़हर भरा है, जो दिल को दे सुकूँ
यहाँ वो 'हवा' नहीं आती।-
वो कल रात, ख्वाबों में मिलने
का वादा कर गए हैं
आज मिलेंगे ख्वाबों में तो बातें होंगी|-
पहले-पहल ख़्वाहिश थी,की जिंदगी
तेरे साथ गुज़रे, तो बेहतर है..
अब ये जानते कैसे की तेरे साथ बेहतर है,
या तेरे बाद बेहतर है...
अब जो गुजरा एक साल तेरे बगैर,
तो जाना तेरे बगैर बेहतर है,बड़ी बेहतर है..-