Nitin Shingrakhiya   (नीतिन शिंगरखीया)
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कलम की कारीगरी से,
लफ्जो को कागज पर लिख देता हूँ!♥
Joined 17 July 2017


कलम की कारीगरी से,
लफ्जो को कागज पर लिख देता हूँ!♥
Joined 17 July 2017
14 MAR AT 18:26

काले पुरुष को कहा गया कुरुप
उनकी काली चमड़ी को
जगह न दे पाया प्रेम।

वो बन गए किसी के घर के
जवाबदेह व्यक्ति
वो बन गए किसी मां का बेटा
पिता का पुत्र
बच्चे के चाचा लेकिन
वो नहीं बन पाए किसी प्रियतमा के
प्रेमी और प्रियतम।

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12 JAN AT 18:04

सैमन

शाम होते ही
सिर्फ सूरज ही नहीं डूबता
डूबता है एक पुरा आदमी
डूबती है उनकी इच्छाएं
और
मर जाते है उनके सपने
जैसे मरती है समंदर में सैमन मछली
अपने बच्चों को जन्म देकर।

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1 JAN AT 17:07

ये मनोमन चल रहा युद्ध
मुझे बुद्ध कि और ले जा रहा है

ये ख्वाब, ख्वाहिशें, उदासी
विफलता और विफलता का वियोग
मुझे सब-कुछ छोड़ने को मजबूर करता है

जैसे बुद्ध ने छोड़ा था
घर, महल और संसार!

- नीतिन शिंगरखीया

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13 DEC 2023 AT 22:40

ખોરડું જ નંઈ ખોળિયું પણ
ખંડેર હતું અમારું,

ઓજસ પાથરીને આંબેડકરે
જીવન અમારું દીપાવ્યું છે.

- નીતિન શીંગરખીયા

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13 DEC 2023 AT 12:59

એને ઓઢતા જ મને મારી મા સમી હૂંફ મળતી,
ધડકીમાં આજે પણ મારી માની જૂની સાડી સીવેલી છે...

- નીતિન શીંગરખીયા

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30 NOV 2023 AT 16:20

अ से अनार नहीं,
अ से अधिकार लिखना तुम
( अधिक अनुशीर्षक में )

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15 NOV 2023 AT 12:36

मैं कोई हाड़-मांस का देह नहीं हूॅं,
मैं तो जंगल का वारिस हूॅं!
जंगल और वारिस मरते नहीं,
मैं भी नहीं मरुंगा।
जंगल के किसी कोने में
पौंधा बनकर उग निकलूंगा।

उलगुलान...
उलगुलान...
उलगुलान...

- नीतिन शिंगरखीया

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14 NOV 2023 AT 16:31

कौन हूॅं?
क्या हूॅं?
क्या नहीं हूॅं मैं!
ख़ुद ने जब ख़ुद से पूछा तो,
जवाब मिला कुछ नहीं हूॅं मैं!

- नीतिन शिंगरखीया

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12 OCT 2023 AT 16:08

In english say
I've fallen in love with you

लेकिन जौ़न एलिया कहते है कि;
मुझे महसूस होता है कि मुझसे
यक़ीनन एक जसारत हो गई है!

तुम्हें कोई शिकायत तो ना होगी?
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है।
- जौ़न एलिया

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28 SEP 2023 AT 14:34

!!! बंदूक के पेड़ !!!
भगत ने जो बोये थे
खेतों में
बंदूक के पेड़
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ
वो पेड़ अब जंगल बन गया है।
वो जंगल अब मांग रहा है क्रांति
अंग्रेजी हुकूमत के सामने नहीं
बल्कि,
देश कि पूंजीवादी, फासीवादी और
जातिवादी ताकतों के खिलाफ!
समय आ गया है जंगल में से,
भगत कि बोई हुईं बंदूक निकालने का।

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