दूर क्षितिज तक फैला उम्मीद
का आकाश है,
हर सफलता के पीछे निरंतर जारी
अभ्यास है,
सफल हो या असफलता हिस्से आई हो
सबसे ज्यादा जरूरी प्रयास है,
स्वयं को प्रमाणित करना है तो
आओ मैदान में उससे पहले
बाकी सब मात्र कयास है..-
पेशे से एक डॉक्टर हूं
जो कु... read more
बचा नहीं है कुछ बचाने को
ना बाकी कुछ रह गया है
आजमाने को,
खोखले ढांचे लेकर कब चलोगे
अब छोड़ दो जाने दो....-
बहुत सीधी सी जिंदगी थी मेरी
ना उधेड़बुन थी ना कोई उलझन थी
बेहद खामोश और शांत सी थी
या कहना ठीक होगा कि
जिंदगी में सन्नाटा पसरा था ,
सुकून था
लेकिन फिर भी हमेशा यही
लगता
कुछ तो कम था
कुछ तो छूट रहा था,
फिर तुम आई
कमी पूरी हो गई
जो छूट रहा था
मिल गया...
बस इतनी सी बात है
"जो बाकी था मिल गया
कहीं टूटा था वो जुड़ गया
खाली था वो अपनेपन से भर गया
जिंदगी भर के लिए ना सही
कुछ पल के लिए सही
तू मुझे मिल गया "-
जो झुर्रियां चेहरे की तुम्हें
दिखाई पड़ती है,
कहानियां उनके पीछे कई
छिपी रहती है,
आज तुम्हें बेशक झुके कंधे नज़र
आते है,
ये वही हैं जिन पर बैठ कर
दूर तक सैर को जाते थे,
अब जिम्मेदारी तुम्हारी है
जिसने तुम्हें उंगली थाम
चलना सिखाया
उसका सहारा बनो,
कल तक जिससे तुम्हारी पहचान थी
आज उसको अवसर अभिमान करने का दो,
पिता सम्पूर्ण जगत का रूप है
उससे सीखो और ज्ञान लो,
उसकी छत्रछाया में हर दिन
और बेहतर बनोगे
ये बात अपने में मन में अच्छे से
डाल लो,
पिता से अस्तित्व में आए हो
उसके चेहरे पे मायूसी
कभी आए
वो दिन कभी आने मत दो
-
किसी को करीब दिल के
ज़बरदस्ती रखना नहीं ,
इश्क़ है कैद नहीं
जब दिल करे
रिहा हो जाना
मलाल बिल्कुल रखना नहीं,
कैद परिंदा बताएगा
कीमत खुली हवा की
जो सुकून आज़ादी में है
उसकी उम्मीद बंदिश से रखना नहीं,
इश्क़ है तो कोई सवाल ना रख
रिहा कर दे रूह को इश्क़ में
नेमत जो मिली है
उसे यूं बदनाम कर नहीं
-
अजी हम तो अपनी
परेशानियों में उलझे हुए है,
ग़ौर नहीं किया आप
कब आए, कब बैठे और कब उठ कर
चल दिए,
इतनी सी बात पर कहते है आप
हम बिगड़े हुए है-
जब गया हुआ
लौटने की कोशिश करे
तब क्या क्या दिल में चलता है
उसी की बात की है-
बसने से पहले ही उजड़ा हुआ है
प्रेम हमारा आरंभ से ही
अधर में लटका हुआ है,
एक टूटी सी एक झूठी सी आस लिए
कल पूर्णत निश्चित है फिर भी
उसी की चिंता लिए चित्त
आज फिर व्याकुल हुआ है,
कितना मेल है मेरे प्रेम का मृत्यु से,
बिछुड़ाना अटल सत्य है फिर भी मानने को हृदय मुझसे सहमत नहीं हुआ है,
सोचता हूं कुछ समय तुम्हारे साथ
जो मुझको व्यतीत करने मिला है,
अवश्य यह मेरे पूर्व अच्छे कर्मो
के फलस्वरूप प्रतिफलित हुआ है,
सच्चा प्रेम हो और जीवन भर साथ हो
ऐसा भाग्य कहां सबका होता है,
राधे से भी श्याम का
कहां जीवन भर का संगम हुआ है..
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चीनी सेना हमारी सीमा पर आकर
सोच रही होगी आसानी से हमारी सरजमीं पे कब्जा कर लेंगे लेकिन सच नहीं जानते है, कुछ पंक्तियां प्रस्तुत है
कृपया विवरण में पढ़े ।-
" हर ज़ख्म को कुरेद कर
दिलासा दिलाता है
दर्द से बरी हो जाने का,,
ये जमाना है साहब
तिल तिल कर मारने के लिए
जिंदा रखता है
और दावा करता है हमदर्दी का"
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