अब क्या तारीफ करू उसकी,
जहा भी जाता हु आशिक उसी के मिलते है..-
नज़र के सामने होते हुए भी कितना दूर रहता हैं वोह,
दिल मे रखता है मुझे पर रिश्ता किसी और से निभाता है वोह..-
हर मुराद पूरी हो जाए ये जरुरी नहीं,
तेरा दिखना जरुरी है तेरा मिलना जरुरी नहीं...!!
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हालात अब ऐसे है की रो भी नहीं सकते,
उसके हो भी नहीं सकते उसे खो भी नहीं सकते..-
वोह सिर्फ कहने को मेरा है,
बाकी वक़्त तोह उसका कही और ही गुज़रता है,
करता है वादे हर कसम निभाने के वोह,
पर अक्सर किसी और के घर ही दीखता है...
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उनसे मिलने की उम्मीद लगाए बैठे है,
क्या क्या बतायु सब कुछ दाँव पर लगाए बैठे है..
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इंतज़ार लम्बा है पर इंतज़ार करेंगे हम,
उसके लिए सारी उम्र बेकरार रहेंगे हम,
और जो वोह कहदे की नहीं मिलना होगा हमारा,
तब भी सिर्फ उसी से सिर्फ उसी से प्यार करेंगे हम...-
हसरते क्यों रखते हो सिर्फ एक से,
बाजार मे इश्क़ कोड़ियों के भाव बिकता है...
जो कहता है मैं सिर्फ तुम्हारा हु,
वोह अक्सर किसी और की बांहो मे दीखता है..-
Wanna hear you...
I don't know How should I tell you,
Every moment I am just thinking of you,
Why I am thinking I don't know,
What is that feeling I don't know,
I know one thing,
For you may be I am nothing,
But still I wanna clear you,
I just wanna hear you....
I just wanna hear you...
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Ab kya hi tarif karu uski,
Voh kisi or ki hokar bhi aaj bhi meri hai,
Rehti nahi mere ghar voh,
Rehti nahi mere ghar voh,
Par mere ghar me har jagah usi ki roshni hai....-