Nitin Mishra   (निर्मोही)
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Joined 20 April 2018


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18 AUG 2020 AT 23:16

अगर सच मे किसी को हमेशा खुश देखना है तो खुद को आने वाले दुखों के लिए तैयार कर लेना चाहिए।

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16 AUG 2020 AT 5:53

सच सस्ता होता तो सभी सच मे जी रहे होते।

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14 AUG 2020 AT 20:16

"प्रेम" कभी मरता नहीं है न ही आत्महत्या करता है
अक्सर उसे "मारना" पड़ता है।

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11 JUN 2020 AT 23:47

स्त्री या पुरुष सच्चे या झूठे हो सकते हैं।
मगर प्रेम तो बस प्रेम है
सच्चा या झूठा क्या?
जो झूठा हुआ वो प्रेम कैसे?
कहीं भी किसी भी भाषा में
प्रेम की परिभाषा सिर्फ प्रेम ही है।

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6 JUN 2020 AT 18:07

I can see many Humans
but not Humanity!

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17 MAY 2020 AT 12:42

No one is coming
to save you
Your life is
100% your responsibility

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14 MAY 2020 AT 8:04

अकड़ और अभिमान स्वभाव नहीं
मानसिक बिमारियाँ हैं,

जिनका इलाज प्रकृति और
समय ज़रूर करता हैं

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14 MAY 2020 AT 0:39

कहते जो मन की, उलझन ही पाते
दो थे हम मन एक हुआ था, डर क्यूं जाते?
तुम थे नोट हजारी, मैं सिक्का चांदी का
जड़ें मिलीं थी अपनी, कैसा भय आंधी का
करते जो मन से सब तो सब पावन पाते
कहते जो मन की, उलझन ही पाते

निश्चय ही कुछ होता, अगर किया जो होता
ये संबंध ना हाँथ झटककर ऐसे रोता
काली रातें आती हैं तब भी आई थी
झूठी बातें सन्नाटे की शहनाई थी
रातें हैं तो ढलती जैसे दिन ढल जाते
कहते जो मन की, उलझन ही पाते

कुरुक्षेत्र है साथी उठो उठाओ मन को
कृष्ण कह रहे अर्जुन समझो तो जीवन को
जो है अभी तुम्हारे कल फिर किसके होंगे?
क्या लाये थे तुम कल जिसके चर्चे होंगे?
काट दो धागे भूलो प्रेम के रिश्ते नाते
कहते जो मन की, उलझन ही पाते....।।

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26 APR 2020 AT 0:41

Teach Your kids "DHARMA"

Otherwise someone else will teach them

"ADHARMA"

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23 APR 2020 AT 23:44

हम सब के पास बचपन की खुशनुमा यादों का एक 'गुल्लक' होता है जब तकलीफ़ में होते हैं तो उसे तोड़कर बचपन जी लेते हैं थोड़ा खुश हो लेते हैं😊

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