जज्बातोंकी तरह ये कलम भी,तेरीही कायल है क्यूँ ना जाने?करता हूँ जबभी दिल के हालात बयाँ,ये लिख जाती है तेरे ही अफसाने... - NiShabd I निशब्द
जज्बातोंकी तरह ये कलम भी,तेरीही कायल है क्यूँ ना जाने?करता हूँ जबभी दिल के हालात बयाँ,ये लिख जाती है तेरे ही अफसाने...
- NiShabd I निशब्द