24 NOV 2017 AT 1:35

जज्बातोंकी तरह ये कलम भी,
तेरीही कायल है क्यूँ ना जाने?
करता हूँ जबभी दिल के हालात बयाँ,
ये लिख जाती है तेरे ही अफसाने...

- NiShabd I निशब्द