NITIN KUMAR KUSHWAHA   (विश्वरथ नितिन)
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Joined 17 January 2020


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Joined 17 January 2020
19 MAR AT 8:49

हो जाती हैं कुछ गलतियां अनजाने में
उन गलतियों को तुम भूल जाओ ना
नहीं करुंगा वो बात जो दुखाए दिल तुम्हारा
अब मुस्कुराके मेरी बात मान जाओ ना

हो नाराज़ कभी मुझसे किसी बात पर
तो डांट कर मुझको समझाओ ना
कुछ बातें हो सकती है ग़लत मेरी
पर भूलकर उनको अब मुस्कुराओ ना

तुम्हारा दोष नहीं है कुछ भी इस पर
प्रभु की माया समझ पाओ ना
होइये वही जो राम रचि राखा
यही सोचकर अब मुस्कुराओ ना

जो भी क्रोध आए कभी भी मन में
तो मुझको कूट जाओ ना
एक आह भी नहीं भरुंगा इस पल में
अब तो थोड़ा मुस्कुराओ ना

लिखना तो चाहूं बहुत कुछ तुम पर
डरता हूं कहीं फिर से गुस्सा हो जाओ ना
इसलिए बात यहीं विराम करता हूं
पर तुम अब तो मुस्कुराओ ना

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10 MAR AT 9:22

जो भी बातें हैं कुछ मन में
तो उनको यूं छुपाओ ना
एक गहरा दर्द छुपा ख़ामोशी में
तो उस ख़ामोशी को बताओ ना

अंजाना सा डर है कहीं इस मन में
उस डर को दूर भगाओ ना
चलते-चलते जो रास्ता भटक गए
तो सही रास्ते को अपनाओ ना

होने को तो कुछ भी हो सकता है
बस श्रीजी पर विश्वास जताओ ना
क्यूं करनी चिंता भविष्य की
उन पर ही सब छोड़ जाओ ना

कैसा भी हो समय जीवन का
बस ख़ुद को यूं तड़पाओ ना
नादान है ये दोस्त तेरा पागल सा
साथ इसके बस दोस्ती को निभाओ ना

हो जाती हैं कुछ चीजें अनजाने में
अनजानी बातों को भूल जाओ ना
परम कृपालु हैं अपनी राधा रानी
बस उनपर ही विश्वास जताओ ना

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3 MAR AT 15:22

एक पल भी जो तेरा ख्याल मन से जाए
एक बेचैनी सी मन ही मन बढ़ जाए।
ना जाने ये दौर है कैसा, सांसें ना ले पाए
हाथ पकड़ कर साथ चलें तो, उम्र बढ़ जाए।।

तेरा मुझमें मेरा तुझमें, वक़्त यूंही कट जाए
पल भर भी हम दूर हुए तो, याद तेरी आए।
मन प्रफुल्लित मेरा हो, जो ख़बर तेरी आ जाए
कुछ भी कर सकता हूं मैं, जब बात तेरी आए।।

मेरे अंधेरे जीवन में, तू रौशनी बन जाए
तेरी एक छोटी मुस्कान, ख़ुशी मेरी बन जाए।
भंवर जाल में हाथ तेरा, सहारा सा बन जाए
तेरे जैसी एक परी, जब सपनों में आए।।

संस्कारों की मूरत जैसे आंखों में बस जाए
दूर होके भी तू, मुझसे दूर नहीं जाए।
तेरी भक्ति देख कर, राधा रानी खुश हो जाए
तेरे साथ होने से मुझमें, एक शक्ति सी आए।।

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10 NOV 2024 AT 20:18

सारे गिले मिट गए, सारे शिकवे दूर हो गए
ना आएं फिर वो लम्हें, जब हम दूर हो गए।
रात थोड़ी लम्बी थी ये माना हमने
पर सवेरा होते ही फिर करीब हो गए।।

ना हों ये उलझनें फिर से इस दरमियां
जो कुछ भी हुआ अब सब भूल गए।
पहचान ना पाए उस मासूम चेहरे को
वो पल भी आया जब सब एक हो गए।।

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25 JUL 2024 AT 13:24

शीश पे जिसके चंद्र विराजे
मन में जिसकी छवि समाए
वैरागी वो भोला भाला
श्मशान का वासी वो शिव कहलाए

शक्ति भी जिसकी है उपासक
नंदीश्वर के नाथ कहलाए
आदिगुरु और आदि अनंत हैं
कैलाश का वासी वो शिव कहलाए

भूत-प्रेत को साधने वाले
राम के भी जो नाथ कहलाए
हलाहल विष का पान करे जो
अमरनाथ का वासी वो शिव कहलाए

कालों के भी महाकाल हैं
मृत्यु भी जिनकी दास कहलाए
त्रिपुरासुर के संहारक जो
काशी के वासी वो शिव कहलाए

उमापति वो उमानाथ हैं
अर्धनारीश्वर वो कहलाए
वासुकी को धारने वाले
उज्जैन के वासी वो शिव कहलाए

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24 JUL 2024 AT 12:29

यूं तो सदियों में कोई एक पल आता है
उस पल को जीने का एहसास हुआ है
अभी तो शुरुआत ही हुई है
इसका भी तो प्रयास हुआ है

ना जानते भाषाओं का खेल यूं बातों से
लगता जैसे इनमें कोई राज़ छुपा हुआ है
प्रारब्ध में उलझकर रह गए जो कुछ कण भी
अब ना जाने उन्हें कैसा अभिमान हुआ है

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27 APR 2023 AT 2:20

एक कंधे पर सर रख कर सोता रहा
एक धागे में ख़ुद को पिरोता रहा
कब नींद आई ये पता भी ना चला
इन लम्हों में ख़ुद को मैं खोता रहा

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10 MAR 2023 AT 22:11

एक नज़र में ही सिमट कर रह गए
अनजान बनने की ऐसी तलब जो उठी
ना जाने किन रास्तों में भटक कर रह गए
मोहब्बत भी नींद से जैसे सो कर उठी

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10 MAR 2023 AT 21:45

बदलाव के धार में बहते हुए चले
दो पल के सुकून को ना समझा था
लड़खड़ाते रहे ये क़दम तुम्हारे ऐसे
कुछ सच ये भी था, कुछ सच वो भी था

काले बादलों में जैसे चमकती है दामिनी
पल दो पल में मौसम कुछ ऐसा बदला था
ना रोक सके उस अनजाने शख़्स को
कुछ सच ये भी था, कुछ सच वो भी था

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9 FEB 2023 AT 16:04

बेखबर चलते इन रास्तों पर
एक रुकने का ठिकाना चाहिए
धूप छांव भी मिल गई है
अब जो किसी से ना मिला वो तुझसे चाहिए

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