Nitin Jha   (Nitin N!S)
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꧁ शब्दों के बंधन से जिंदगी को बांध रहा हूँ ꧁
Joined 23 January 2019


꧁ शब्दों के बंधन से जिंदगी को बांध रहा हूँ ꧁
Joined 23 January 2019
2 APR 2023 AT 6:03

सबसे बड़ा दुःख हैं परिवर्तन
और सबसे बड़ा सुख हैं निरंतरता
संबंध-विच्छेद के समय रोता हुआ प्रेमी कहा करता हैं
"मैं तुम्हारे बिना कैसे रह पाऊँगा " दरअसल् वो प्रयसी के दूर जाने से दुःखी नही हैं दुख हैं तो होने वाले परिवर्तन का .........!

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12 JAN 2023 AT 17:47

बेहद दिलगी से संभाला था उसे
अब दिल्लगी पे उतर आयी हैं ।।

एक आस से कटती हैं सदियां यहाँ
एक आस में वो घर आयी है ।।

ख़मोश बैठा हूँ उसके सामने
आज वो भी खामोश नज़र आयी है ।।

तुम ग़ौर करना इस लहज़े पे
कोई जुदाई की ख़बर लायी है ।।

निस ! अजीब रिवायत है मोहब्बत में,
आशिक़ी घर सीधे क़ब्र आयी है ।।

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8 AUG 2022 AT 17:20

ऐतबार में शरहदे भी होती है क्या ।।
मोहब्बत में हदे भी होती है क्या ।।

हो जाऊं तकमील तेरे बग़ैर भी ,
पर ऐसी भी जिंदगी होती है क्या ।।

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2 AUG 2022 AT 10:27

टूटना समझते हो .?.
हाँ क्यू ना; विलगाव या फिर कह लो sepreation,
यहीँ ना ..!.....
नहीँ टूटना अंत है ।
असल में, जो घटता है वह : दरार हैं
दरारें उम्र के साथ बढ़ती जाती है। .....
म्रत्यु वह बिंदु है
जहाँ दरार टूटना में बदल जाता है .....
और उम्र भर जो साथ रहता है वह है दरार ..।..

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25 JUL 2022 AT 10:47

मुकर मैं भी जाऊँगा
बस तू ना मिलने का क़रार तो कर ।।

हवा - हवा में उर जायेगी बातें सारी ,
दबी आवाज ही सही इज़हार तो कर ।।

और मुझे पाना बहुत आसान है मेरी जान !
बस सावन में एक सोमबार तो कर ।।

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22 JUL 2022 AT 10:33

Theory-: " हमारा रिश्ता कब दोतरफ़ा था .."...🙁

Explanation -: caption ..../

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11 JUL 2022 AT 21:35

मुझे छू के गुजरने वाली हवा बता ..?..
उसकी हाथों से फिसली कोई दुआ बता ..?..

यूँ ही बदनाम ना कर उसको
मुझे छोड़ गयी फिर भी कुछ हुआ बता ।।

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28 JUN 2022 AT 9:36

मैं अब डरने लगा हूँ जीने से ,अपने हर एक क्षण को पिसलते देखकर , हर एक चीज़ को छूटते देखकर ।
मुझे सब जगह बस एक अंत दीखता है , मैं हर ख़ुसी को बस बनाबटी ख़ुशी ही समझता हूँ मुझे लगता है कुछ निश्चित है , जो अटल , अचर , अपरिवर्तनशील है तो वह है दुःख;
मुझे दुःख में सुकून मिलता है ठीक जब मैं शुतुर्मुर्ग की तरह असहाय होने पर इसी दुःख में अपना सर छुपा लेता हूँ , और वहीँ क्षण सुकून का होता है |

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8 JUN 2022 AT 12:30

बारिश ___:

Captions 🙂

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1 JUN 2022 AT 12:57

हैं व्यर्थ खोजना प्रेम को
बारिश के बीच उड़ते धूल को ,
मैं खोजी नहीं , ना प्रेमी हूँ ,
मैं धूल हूँ ....
जिसे वेदना के आँशु उड़ने नही देते
बहा ले जाता है
एक जटिल अनंत संसार में

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