तोड़ने वाले नहीं, प्रदेश बनाने वाले चाहिएँ
Bulldozer नहीं, कलम चलाने वाले चाहिएँ!— % &-
फर्क ये है कि
कोई इसे लिख रहा है
और कोई पढ़ रहा है
न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है,
तमाम उम्र मुसाफ़िर सफ़र में रहता है...
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कभी कभी ज़िन्दगी के कुछ पल इतने खास बन जाते हैं कि . वो हमसे हमेशा के लिए जुड़ जाते हैं और ना चाहते हुए भी .. वो हमसे दूर चले जाते हैं फिर कुछ यादें इस ज़ेहन में . इस क़दर समा जाती हैं की जिन्दगी के हर मोड़ पर वो लम्हें याद आते हैं ...— % &
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सजा बन जाती है गुज़रे हुए वक़्त की यादें, न जाने क्यों छोड़ जाने के लिए ज़िन्दगी में आते है लोग । — % &
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जिन्दगी में कुछ हसीन पल यूंही गुजर जाते हैं..
रह जाती है यादें और इंसान बिछड़ जाते हैं..— % &-
"तूने छोड़ दिया मुझे, तो खता इसमें तेरी क्या।
हर शक़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता।।— % &-
जो कहती थी,
तेरी आँखों मे कभी आँशु न आने देंगे।
आज ओ खुद,
इन आँखों को रुला गई.......— % &-
दिल को तो अब भी लगता है कि...
लौट आयेंगी ओ।
अब इसे कौन समझाये कि....
ओ रूठी नही बल्कि किसी और की हो गई है।।— % &-
फुरसत में करेंगे तुझसे हिसाब-ए-ज़िन्दगी;
अभी तो उलझे है खुद को सुलझाने में...
इसका दिल रखा और कभी उसका दिल रखा-