जब आदमी किसी के लिए गड्ढा खोदता है। तो वह उसी गड्ढे में एक न एक दिन गिर भी जाता है।
क्योंकि किसी के साथ बुरा भी तुम एक हद तक ही कर सकते हों। अंत हमेशा बुराई का ही होता है।-
पढ़ कर देखो तो सही।।।।।
कुछ याद आजायेगा पुराना।
कुछ नया न पड़ेगा समझाना।
हाल ए दिल... read more
मजबूरियो की सूरत में वो हमसे किनारा कर रहे है।
शायद दगा करने का इरादा दोबारा कर रहे है।
छोड़ना हो अगर तो साफ साफ ही कह देना।
क्यों मुझको परेशान बेकार कर रहे है।-
करते है वफ़ा की बाते मगर वफ़ा नही करते।
लोग तो अक्सर मोहब्बत भी एक तरफा नही करते।-
ये कह देने से जागीर तुम्हारी नही होती।
मुरव्वत में कभी मोहब्बत हमारी नही होती।
उसको तो चाहिए जहां भर की शोहरते।
आजकल तो मोहब्बत भी वफादार नही होती।-
या मौला मेरा जुर्म जो भी मुझे बता तो सही।
अगर नहीं कुछ भी बुरा मुझमें तो फिर उससे मिला तो सही।
देख सब्र का बांध कही टूट ना जाए।
जिसको संभाले हुए हूं, वो दिल फिर से टूट ना जाए।
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जो भी हो बात साफ साफ कहा करो।
किसी और से हो प्यार तो कहा करो।
हम तेरे पैरो में जंजीर नही डालेंगे।
तुम अपने मन की बात हमसे कहा करो।-
सबसे adab se पेश आना adat he meri.
Be adab log isilie pasand nhi mujhe.-