"जिंदगी भागमभाग है।
चाँद पर भी दाग है।
दीये तले अंधेरा है।
रात न आये तो किस बात का सवेरा है?"
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But_spl_for_someone💞
सोचता हूँ शायर बन जाऊं,
बहुत कर लिया बहादुर बनकर तुझे प्यार अब थोड़ा कायर बन जाऊं।
सोचूँ तू सामने होती है,
रुचि कहाँ मेरी काम में होती है।
तू तड़पाती भी है और सुकून भी दे जाती है,
ख्वाबों में तो रोज़ आती हो, मगर सामने कहाँ आती है।
रुक देख तो कहीं खो गया हूँ,
बहुत थककर तेरे प्यार की नींद में सो गया हूँ।-
बहुत मेहनत के बाद आती है
शायद दो पल के लिए ही सही
मगर वो सच्ची होती "खुशी"
जो कि मां बाप को खुद की वजह
से हसता और मुस्कुराता हुआ देखकर होती है
तो रब से फरियाद करता हु
आज फिर कई सालों बाद करता हु
हंसते रहे वो जो मुझे कभी रोता नहीं देख सकते है
मेरे हंसते ही वो किसी भी परिस्थिति में हंसते है
चाहे महान काम करूं या न करूं अपनी जिंदगी में
मगर अपनी वजह से हमेशा लाता रहूं खुशी उनकी जिंदगी में
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अजीब है पर बताऊंगा नहीं,
दोस्तो से प्यार बहुत है मगर जताऊंगा नहीं।
दो गाली और चार लात खायेंगे,
मगर कमीनें हर बार लोट कर आयेंगे।
आधी रात पर एक कॉल कर के बुलाऊं तो पूछते नहीं,
कमीनें मेरे लिए बड़े बड़े पंगे लेने से पहले सोचते नहीं।
जब कभी भी मेटर बड़े होते है,
साले हमेशा मेरे साथ खड़े होते है।
आओ कमीनो गले लग जाओ,
और बैठकर जिंदगी भर मेरी जान खाओ।l-
सब कुछ उलझ गया है
अल्फ़ाज़ आए कहा से
हम तो दिल का नगमा लिखना चाहते है
मगर उलझन में शब्द लाए कहा से।।-
तन्हाई सबको सताती है
अकेले में खूब रुलाती है
तब जाके याद किसी अपने की आती है
और धीमी सी मुस्कान हमारे चेहरे पर छोड़ जाती है-
पल भर में खुश तो अगले ही पल उदास कर देती है
करम करो अच्छे तो किस्मत खुद व खुद बनती है
सोचो और समझो किस्मत के तारो को
यह हमेशा ही सताती है केवल बेचारों को
पर उन्हें परेशान करने के लिए नहीं
केवल मजबूत बनाने को
मिटा देती है उनके सारे जूठे बहानों को,
अपने कल को तुम खुद लिख पाओ
इसलिए आज उदास करेगी
मगर एक बार खुद लिखकर देखो अपनी किस्मत
ये केवल तुम्हारे जीवन में रंग ही भरेगी।।
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जब दुनिया से हार कर, ये शख्स मिट्टी में मिल जाता है
फिर ख़्याल तेरे आते ही ,ये दिल खुद व खुद खिल जाता है।।-
छुप छुप के मेरी डायरी पड़ते हो
कभी मेरी जिंदगी भी पढ़ने आओ
अब इतना नासमझ भी मत समझो
जो कुछ भी है सामने से आकर बताओ।।-
शरारत कुछ दिल में उठी थी
तुम खिलवाड़ समझ बैठे
हमने तो प्यार किया बच्चे की तरह
और तुम मुक्कमबल इश्क समझ बैठे।।
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