भूख जिसे कहते हैं
वो भूखा ही समझता है
आँखें देखती लालच से रोटी
दोनों हाथ से वो पेट मलता है
लोगों की नजरे बचा कर
फेंके हुए खाने को खा लेता है
ये पिज़्ज़ा तो अच्छा नहीं कह कर
सेठ की बेगम ठुनकती है
उसी होटल के कहीं पीछे
15 दिन बिन खाने के रह कर
किसी की आत्मा आखरी साँसें लेती है-
किसी ने कहा है की जब अपने भी पार कर जायें बुराई की सारी हद
हे मानव तुम उठाओ अपना शस्त्र और कर दो उन अपनों का वध
जब हो मुकाबला अधर्म के विरुद्ध एक कायर ही सोच में पड़ सकता है
अपनों से लड़ना और उन्हें मारना है ये विचार आ जाने से ही वो डर सकता है
शूरमा की भुजायें फड़कने लगती हैं जब हाथ उसके तलवार उठा लेते हैं
पहले अधर्मियों का सर उतार लूँ फिर बाद में बैठ कर ये विचार किया जायेगा
छोड़ दें इन्हे यों ही चेतावनी के लिये या इन्हे दफनाया और जलाया जायेगा-
जब भी जरुरत पड़ी तुम्हे
समझदार, प्यारा और बड़ा बोल कर काम निकाल लिया
जब भी छोटा मेरे मुकाबले खड़ा हुआ
उसे कलेजे का टुकड़ा बना कर दिल से लगा लिया-
दिल को समझाओ वो हारा नहीं
गिर गया हूँ जरूर
लेकिन अभी मै मरा नहीं हूँ
जब तलक इस शरीर में साँस रहेगी
जान ले ऐ मेरे दिल
जितने की तब तक मुझे आस रहेगी-
कैसे भी हालात रहें
हिम्मत बांध के रहते हैं
डूब रहे हों जो नदी में
तिनके भी थामा करते हैं
एक बात बस याद रखते हैं
संकट ये जो अभी आया है
जब जीवन से चला जायेगा
हम कुछ और बड़े हो जायेंगे-
बात भी तुमसे नहीं होती
फिर भी दुश्मनी पैदा कर लेती हो
इधर की बात उधर
उधर की बात इधर
क्यों किया करती हो
जो बोलना न आये तो
चुप रहा करते हैं
मेरी जान
बेवकूफी का अपने सबूत
नहीं हर जगह दिया करते हैं-
Whether or not I see you again,
Whether or not you become my companion,
My love for you will never fade because of the red sea between us,
You and I will never be apart,
You've given me the name "Maharaja",
I’ve given you the name “Egyptian Queen",
You will always live in my heart,
Always remember, my love for you will never fade,
I'll always love you like the dark night love the moon.-
क्या मेरी तरह तुमको भी नींद नहीं आ रही है
प्यार करके मेरी तरह क्या तू भी पछता रही है
तोड़ लेंगे हम कल ये रिश्ता सुबह तो हो जाने दो
सोचते हुए तुम्हारे बारे में एक रात तो गुजर जाने दो-
दूसरे को देखने से पहले
खुद को तुम देखते क्यों नहीं
मेरे फटे कपड़े पे हसने से पहले
अपने नंगे तन को तुम ढ़ाकते क्यों नहीं-
चाँद मिलना नहीं होता है नसीब में सबके
देखने को मिला है देखो इसे खुश हो कर
उसे नहीं मिलना था तुम्हे तो कोई बात नहीं
पालकी उसकी विदा करो तुम खुश हो कर-