मेरा depression, मेरा struggle, मेरा dukh, मेरी over thinking, मेरा broken heart, और मेरे failure होने का जख्म सब कुछ तुम्हें मेरी आँखों की गहराई में नहीं, मेरे आँखों के नीचे पड़े काले घेरे में दिखेगा ।
गणित के सवालों से भी ज्यादा कठिन होता है यह सवाल - "कैसे हो तुम?" जिसका जवाब हम हमेशा ही गलत देते हैं लेकिन जब भी किसी अपने द्वारा यह सवाल पूछा जाता है तो मन में भावनाओं की लहर सी दौड़ती हैं। और चाहता हूँ उसे गले लगाकर कह सकें कि "दोस्त ठीक नहीं हूं मैं । "