मेरी मोहब्बत बेहिसाब थी फिर भी हिसाब लगाना पड़ा मुझे।।।
जैसा तेरे साथ था वैसा तेरे बाद भी नज़र आने पड़ा मुझे।।।-
न किसीको कुछ दिखाने के लिए.....
न किसीका का प्यार पाने के लिए....
ये लड़ाई तो खुद से है,
अपनी औकाद बनाने के लिए ।।।।।-
मुद्दत बाद मुझ ही सा मौसम
महसूस हुआ है मुझको।।
अब कोई नज़्म गढ़े? किताबे पढ़े?
या फिर कॉल करे क्या तुझको??-
दिन निकलने के पहले की एक फरमाइश हो तुम,
रात होने की बाद तक कि आखिरी ख्वाइश हो तुम ।।।
चाय☕❤️— % &-
किस्मत से नही मिलते ये फरेब से बिछड़े हुए लोग,
यार! बहुत गिरे होते है ये गिरे हुए लोग ।।।-
'छिछोरे' था पहले,
अब ये 'दिल बेचारा' हो गया,
'राब्ता' कुछ नही था तुमसे,
फिर भी ये दिल तुम्हारा हो गया ।।-
बदलते मौसम के बदलते व्यवहार देखे हैं,
बातो वाली मोहब्बत देखी है,
दिखावे वाली प्यार देखा है,
अपना कहकर जो मुझसे मिलते थे गले कभी,
यार मैंने ऐसे ऐसे दोस्त ग़ददार देखे हैं।।।-
छोटी सी ज़िन्दगी में रखा क्या है.......
अगर इश्क़ भी बुरा है तो फिर अच्छा क्या है......,
एक तेरे मोहब्बत की मिसाले देता रहा हु मैं......
अगर वो भी सच्चा नही है तो फिर सच्चा क्या है......।-
मैं तो डरता था , पहली दफा बात तूने की थी,
मुझे सपने दिखाकर इश्क़ की शुरुवात तूने की थी,
कांटे ही लगेंगे जब पेड़ कांटो का बोया है,
तेरे चक्कर मे ना जाने कितने यारो को खोया है,
हाथ जोड़ता हु मेरे अपने लौटा दो,
मेरे मा बाप के टूटे हुए सपने लौटा दो,
तू कौन मैं कौन बुलंद ये नारा करते है,
तेरे इश्क़ और मेरी मोहब्बत का चल बंटवारा करते है।।।-