जिसे दस जगह मुंह मारने की आदत है न
वो शक और हक में फर्क नहीं समझेगी..-
किसी और के बाहों में होगी लिपटी हुई
खुद को बता रही होगी वेबस टूटी हुई
नई कसमे खा तो रही है नए बदन से मगर
कोई पूछे उससे पुराने वादों का क्या हुवा???-
पाए तो तुम्हे हम बूंद सा भी नहीं
पर खोने पे लग रहा है जैसे समंदर खो दिया है...-
वो महफिल में नही खुलता तन्हाई में खुलता है
समंदर कितना गहरा हैं वो गहराई में खुलता है ...-
हम तो उसके ख्यालों में भी नहीं थे
जिसे अपने दिल में बिठा रखा है ...-
I got rejected, got humiliated,left in pain, felt betrayed, left with questions that have been stealing my sleep.....
but it is as it is the cold and deep truth that I lose a thing in life that I valued the most and I don't like it but at the same time I can't change it, it's not possible and I should not ....(missing too much )-
बड़ा वक्त हुवा तुम्हारी कोई अवाज नहीं आई
हंसों नहीं चलो रो ही दो , जतावो अपनी रुसवाई
किताबे देखी कल मुरझाए फुल थे उसमें
फिर फोन में तस्वीरें देखी तुम्हारी, तुम खिल रही थी
और दीवार में टंगे आईने में देखा तो हम मुरझाए थे...-
कांटो से संबंध रहा तो यह जाना
अजीज की हिफाजत उम्र भर करे
पर उसको चाहने की गलती ना करे ....-
फूलो से संबंध रहा, तब जाना
महकने से खिलते है लोगो के चहरे
मुरझाने से किताब गले लग जाती है ...
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