कहते थे लोग कि जीना भी जरूरी है, जीने के लिए,
कहाँ होश रहता है ये, किसी के याद मे मरते हुए।।-
Insta_id: nice_nitesh
Email: npandey339... read more
जाने कितने जन्मों का बोझ था!
भारी दिल, नाजुक कंधे और कुछ अधूरे ख्वाबों के दरमियाँ, लड़खड़ा कर गिर गया मुसाफ़िर।।-
मुझे खुद से भी रूठे हुए, एक मुद्दत हो गई।
मुझसे बिछड़ कर जाने वाले, तेरी कोई खाता नहीं।।-
ज़ख्म ही तो है बस, लोगों की नजरों में,
ज़माने को क्या खबर
की वक्त ने कितनी शिद्दत से सींचा है।।-
इतना आसान भी नहीं मुझे पढ़ पाना।
हल्की स्याही से लिखी गहरी किताब हूं मैं।।-
उसके शब्दों को गौर से न पढ़ना जनाब,
गर कुछ याद रह गया, तो उसे भूल ना पाओगे।।-
रोज ही भटके सुकून की तलाश में,
रोज ही झोली में बस कुछ बेचैनियां कमा पाए।।-
जिन्हें सलीका है तहज़ीब-ए-ग़म समझने का,
उनके रोने में आंसू नज़र नही आते।।-
इस वक्त की बातों में न आना तुम भी साहब,
इसने कल मुझे भी कहा था कि मैं सिर्फ तेरा हूं।।-
मुस्कुराना तो उसकी आदत है ऐ दोस्त,
वरना जिंदगी तो उससे भी नाराज़ है।।-