हर शाम सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
ये असर है, उनकी मतवाली चाल का
वरना मेरी आँखें दीवानी न होती।-
दीवाने हैं तेरे
इस बात से तो इंकार नहीं
कैसे कहें कि तुमसे प्यार नहीं
कुछ तो कसूर है
उन नशीली आँखों का भी
हमारा दिल तो अकेला गुनाहगार नहीं!!-
देखू उनकी आँखे, या करूँ आँखे चार
आँखों से आँखे मिलाउ या उन्हे निहारु बारम्बार.-
तुझे एक टक निहारत रहता हूँ..
तू बस एक बार देख ले..
इसलिए बालों को इतना संवारता रहता हूँ!-
सुध-बुध खो रहे
इंतजार अब सहा न जाएँ
कोई कह दो उनसे
वो जल्दी हमारे पास आएँ-
मैं सूरज हूँ, चमकना छोड़ दूँ क्या
बुझूंगा एक दिन ये जानता हूँ
मगर इस डर से जलना छोड़ दूँ क्या
हूँ तन्हा, तो निकलना छोड़ दूँ क्या
नहीं रहती है वो ये जानकर मैं
उस गली से भी गुज़रना छोड़ दूँ क्या
मैं भाता नहीं हूँ आईनों को
तो मैं संवरना छोड़ दूँ क्या
अगर उम्मीद ने छोड़ा है दामन
तो इरादों से भी लड़ना छोड़ दूँ क्या
समंदर नहीं, दरिया हूँ मैं
तो किनारों पर मचलना छोड़ दूँ क्या...-
Chand mein kya noor hai
Isi baat ka hi toh usse garur hai
Hamara kaisa garur janab
Hamara toh chand hi humse dur hai-
Tu chand ko dekhna
Aur mein Tujhe
Tu beshak dekh uss chand ko
Lekin mujhe zindagi bhar sirf tu dikhai de
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Iss kuware pr bhi karwachouth ka nasa chaya hai aaj
Ghar walo ke aage shadi krwane ka bin bajaya hai aaj
Kuwara bhi apni chand ka dedar chahatha hai aaj
Wo bhi apni us chand ko niharna chahatha hai aaj
Bas ek hi khwahish puri kr de aaj
Daya kr, aur ek chand mere naam bhi kr de aaj
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