लोग क्या कहेंगे यह सोच कर जीवन जीते हैं
भगवान् क्या कहेंगे क्या कभी इसका विचार किया ?-
सिर्फ वक्त के भरोसे मत बैठे रहना,
किस्मत वालों के हाथ खाली रह सकते हैं,
मेहनत करने वालों के नहीं........!!-
Journey of life
पूछा जो मैंने एक दिन खुदा से,
अंदर मेरे यह कैसा शोर है,
हंसा मुझ पर फिर बोला,
चाहतें तेरी कुछ और थी,
पर तेरा रास्ता कुछ और है,
रूह को संभालना था तुझे,
पर सूरत संवारने पर तेरा जोर है,
खुला आसमान चांद तारे चाहत है तेरी,
पर बंद दीवारों को सजाने पर तेरा जोर है,
सपने देखता है खुली फिजाओं के
पर बड़े शहरों में बसने की कोशिश पर जोर है........-
सोते रहने वाले सिर्फ सपने देखते हैं,
और जागने वाले उन
सपनों को जिद्द में बदलकर
हकीकत में बदल कर पूरा करते हैं ।।-
काश तुम जैसी बहन किसी की ना होती।
हर दिन लड़ने के अलग ही बहाने थे।
मेरे कानों में गूंजते तेरे ताने थे।
एक जिद्द सी थी कि तेरी बात नहीं सुननी।
अच्छा बुरा जो भी हो करनी है अपने मन की।
तेरा किलसना हमारा हसना।
रोना धोना रूठना मनाना सब बंद सा हो गया है।
तेरे जाने से ये घर अब बिल्कुल सुना सा हो गया है। जिसकी बातो पर कभी गुस्सा आता था
अब घंटो तक उसकी बाते होती है।
सच कहूं तेरी अहमियत मुझे अब समझ आती है। अपने शब्दो से न अब मै हटने लगी हूं।
काश तुम जैसी बहन सबकी हो ये मै कहने लगी हूं। दुवाओं में तेरी खुशियां हीअब में मांगने लगी हूं।
अब तेरे घर आने का इंतजार में करने लगी हूं।-
मेरी मंजिल मेरे करीब है
इसका मुझे अहसास है
घमंड नहीं मुझे अपने इरादों पर
ये मेरी सोच और हौसले का विश्वास है-
शब्द ही जीवन को
अर्थ दे जाते है,
और,
शब्द ही जीवन में
अनर्थ कर जाते है.-
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है
तू चल...... तेरे वजूद की समय को भी तलाश है
जो तुझसे लिपटी बेड़ियां
समझ ना इनको वस्त्र तू
ये बेड़ियां पिघाल के
बना ले इनको शस्त्र तू
बना ले इनको शस्त्र तू
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है
तू चल...... तेरे वजूद की समय को भी तलाश है
चरित्र जब पवित्र है
तो क्यूं है ये दशा तेरी
ये पापियों को हक नहीं
कि ले परीक्षा तेरी
कि ले परीक्षा तेरी
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तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है
तू चल...... तेरे वजूद की समय को भी तलाश है
जो तुझसे लिपटी बेड़ियां
समझ ना इनको वस्त्र तू
ये बेड़ियां पिघाल के
बना ले इनको शस्त्र तू
बना ले इनको शस्त्र तू
तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है
तू चल...... तेरे वजूद की समय को भी तलाश है
चरित्र जब पवित्र है
तो क्यूं है ये दशा तेरी
ये पापियों को हक नहीं
कि ले परीक्षा तेरी
कि ले परीक्षा तेरी
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