जिंदगी में तुम्हारे खुशियां बेशुमार हो
तुम्हें भी किसी से सच्चा प्यार हो
तुम रोओ फिर अंधेरे में बंद, कमरे के कोने में बैठ कर
फिर तुम्हें तुम्हारी गलती का एहसास हो
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सुनो! तुम्हारा ठिकाना आज भी महफूज़ है, ये दिल अब भी तुम्हारी ही याद में मशगूल है।
हां माना बेपनाह मोहब्बत आज भी सिर्फ़ तुमसे है, पर यकीन मानो, तुम्हारा लौटना भी अब फ़िज़ूल है।-
रास्ते छूट रहे थे मंजिलों के
हम फिर भी हिम्मत न हारे
अपने रूठ रहे थे हमसे
हम फिर भी उन्हें मनाते रहे
मतलबी थी मेरे चारों ओर की दुनिया
हम फिर भी मतलब निभाते रहे
कितना सहते हम उसके बेहिसाब जख्मों को
वो जख्म देते रहे,हम मरहम लगाते रहे
जब एक दिन खामोश हुए हम
वो हम पर चिल्लाते रहे,
हम सोते रहे,हम सोते रहे-
वो मेरा ख्याब सा जब टूटकर बिखर गया
मैं सिमटा बैठा पल भर में बिखर गया
याद है मुझको आज भी वो आईने की तस्वीर
उस रात जब उसने देखा मुझे तब मैं निखर गया
जब जब याद आई उसकी बेशुमार मुझे
मैं रेल में बैठा और जमकर सफर किया
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आज मैंने एक शख्स के मरने का गम मनाया है
जो मेरे जहन में सदियों से जिंदा था
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मैं तुमसे खुद अलग नहीं हुआ था
तुमने रिश्ते की डोर छोड़ दी
और
फासला बढ़ता गया-
जिंदगी दिन की शुरुआत की तरह होती है,
शाम होते-होते खत्म हो जाती है-
आज भी तुम जिंदा हो
लौटकर तो देखो एक बार फिर
तुम ही मेरी जिंदगी का हिस्सा हो-
रोज सुबह उठकर खुद से एक वादा करती हूं मैं
जो कल किया था वह आज नहीं करूंगी
दिल सवाल करता है फिर मुझसे एक
यह बता तेरा 'आज' हुआ है क्या????-