अपनी नज़रों को.. तेरी चाहत पर झुका रखा है, धड़कनों को अपनी.. तेरी आहट पर जगा रखा है,, अक्सर लोग पूछते हैं.. मेरा रिश्ता तुझसे.., हमने तो बस राहत बता रखा है!!
जो गुजर गई वो रात याद है.. जो की थी तेरे संग वो सारी बात याद है,, मौसम की वो पहली बारिश जिसमें भीगे थे हम साथ.. फिर प्यार की वो बरसात याद है,, तेरे साथ हीं हँसते थे..तेरे पास में रोते थे.. अपनी वो छोटी-छोटी तकरार याद है,, आज गम तो बहुत होता है तुझे न देख पाने का.. पर अब भी अपनी वो पहली मुलाकात याद है!!