लोगों से सुना सही लगने लगा, एक तरफा इश्क आसान ना हुआ,
जिन दोनो से इश्क एक तरफा किया, दोनो से मिलना बस ख्वाब ही हुआ,
हकीकत में तब्दील जब ख्वाब हुआ, बारिश और तुमसे साथ ही सामना हुआ,
एक साथ जब ख्वाब पूरा होते दिखा, दिल और दिमाग ने काम करना छोड़ दिया,
ना रास्तों के पत्थर दिखे ना गढ्ढों से कोई शिकवा, हम पैदल ही तुमसे मिलने निकले,
दूरियां कुछ कदमों की जब बाकी रही, सफर वो मंजिल से कुछ अझीझ हुई,
चहेरा देख तेरा दो पल तो हम खो से गए, क्या बोले क्या सुने सब भूल ही गए,
हाल मेरा बस कुछ ऐसा ही हुआ था, मिलना जब तुझसे दुबारा हुआ था !!
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