Nishi Vora   (Ni-Shabd)
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Joined 9 May 2020


Joined 9 May 2020
4 MAY 2022 AT 1:47

शतरंज की हर बाजी में एक कहानी है,
आखरी दावमें पीछे राजा आगे रानी है...

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10 APR 2022 AT 23:25

Humare Papa ne humari
har khwahish Puri ki hai,
Aur tumhe to pata hi hai,
humari ek khwahish aap hai !!





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7 APR 2022 AT 22:16

ઈશ્કની સાંકળમાં કેદ કરેલી એ યાદો,
ક્યાંક સાંકળ હવે મનમાં કરી રહી છે !

વસંતમાં બાંધેલીએ સુગંધિત કળીઓ,
પાનખર આવતાને હવે ખરી રહી છે !

સમાવ્યો જે સાગર સ્વરને શંખમાં,
સમુદ્રથી દુર એ હવે સુકો પડ્યો છે !

ખડખડ વહેતા તરંગીણીના પાણીમાં,
પાષાણ ટાપુઓ હવે ઉભરતા થયા છે !

પરંતુ નિરાશા નથી આ પાનખરની કે પાષાણની,
મનમાં મોકળાશ હજુ વસંતની સિંચાઇ રહી છે !

આજની યાદોની સાંકળ કાલ રેશમની શાલ થશે,
'નિઃશબ્દ' ગ્રીષ્મ પછી હજુ શિશિર બાકી જ છે !

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12 NOV 2021 AT 22:54

पास तू इतना था, जितना पहले कभी न था,
कुछ कर भी लेते हम, पर तू नींद में तब था !

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21 OCT 2021 AT 20:42

मेरी हर अदा बस तेरे लिए, तेरी हर शैतानी है मेरे लिए,
मेरी हर नादानी बस तेरे लिए, तेरी हर होशियारी मेरे लिए,
मेरी हर इबादत बस तेरे लिए, तेरी हर ख्वाहिश मेरे लिए,
में सारी की सारी बस तेरे लिए, तूं सिर्फ काफी है मेरे लिए!

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4 OCT 2021 AT 10:08

Har nazar ki nazar hum par thi,
Jab humari nazar aap se takrai,

Labon se kuch batten to na hui,
Sarart magar ankhon ne kar Li,

Mulakat to tab ho kar bhi na hui,
Lekin mulakat wo mukamal rahi,

Lakiron mai to wo likhe hua the,
Hathon mai hath unke ab aye hai !

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29 SEP 2021 AT 10:03

जाने की बात तो जान ! जान ने की है,
मुलाकात किसी और जनममे लिखी है,

दुबारा फिर कायनात में हम मिलेंगे जब,
वक्त थोड़ा वक्तसे हम और मांग लेंगे तब,

दिल के मकान में नया किरायदार लाना,
मोहब्बत बेइंतहा तूं एक बार और करना,

दिल की तुम जागीर उसके नाम भी करना,
हो सकेतो एक कोना मेरे नाम का भी रखना,

हाथों के साथ लकीरोंमें भी लिखवाके आएंगे,
अगले जनम तेरा नाम दिल में चुनवाके आएंगे !

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24 SEP 2021 AT 1:28

Fucked-up at fifteen, ke zamane mai,
Pahela Pyaar at pachis, hota hai kya !!

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23 SEP 2021 AT 23:53

Mujhe koi bade bade gifts aur efforts ki zarurat nahi hai,
Tumhari choti si koshish se bhi meri badi muskan hai !!

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20 SEP 2021 AT 18:30

लोगों से सुना सही लगने लगा, एक तरफा इश्क आसान ना हुआ,
जिन दोनो से इश्क एक तरफा किया, दोनो से मिलना बस ख्वाब ही हुआ,
हकीकत में तब्दील जब ख्वाब हुआ, बारिश और तुमसे साथ ही सामना हुआ,
एक साथ जब ख्वाब पूरा होते दिखा, दिल और दिमाग ने काम करना छोड़ दिया,
ना रास्तों के पत्थर दिखे ना गढ्ढों से कोई शिकवा, हम पैदल ही तुमसे मिलने निकले,
दूरियां कुछ कदमों की जब बाकी रही, सफर वो मंजिल से कुछ अझीझ हुई,
चहेरा देख तेरा दो पल तो हम खो से गए, क्या बोले क्या सुने सब भूल ही गए,
हाल मेरा बस कुछ ऐसा ही हुआ था, मिलना जब तुझसे दुबारा हुआ था !!

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