रात के अंधेरा का, उजाला तुम बन गए।
इस बेनाम से रिश्ते में, ढेर सारे रंग भर गए.!
नाजाने इसे दोस्ती कहूं या कहूं इसे प्यार...
मगर दिल में सिर्फ तुम बस गए हो,
और प्यार होगया है बेशूमार..!!
ना तुमने कोई वादा किया है...
ना खाई कोई कसमें है..
मगर साथ निभा रहे हो मेरा,
क्या तुम्हे भी इश्क की खुशबू आ रही है..?!😅
नही कहूंगी मैं किसी से भी....
जरा तुम ये कुबूल कर लो.!!!
कि हां, मोहब्बत है तुम्हे..हमसे,
और कही अपने दिल में कैद लो..!!🥺❤️
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