हाथो में दुआ और दिल में रोग रखा है
अपने एहसासों को अंदर ही रोक रखा है,
खुद से क्या बया करे उदास दिल के अफसाने
जो चीज बस में नहीं उसे छोड़ रखा है,
इतना आसान नहीं है उस दिल को समझना
जो सब समझ कर भी सब भुला रखा है ।।-
एक रोज खुद को परेशान देख
अपनी दास्ताँ लिख रहे थे,
गुजरते शामो की तरह
हम ढल रहे थे,
जिस राह तन्हाई थी
वही चल रहे थे,
एहसासो को मीटा कर
खुद को बदल रहे थे,
गम तो थे जिसे
मुस्कुराहट मे छुपा रहे थे,
हर शक्स कि नज़र मे धुधला हु
यही खुद को समझा रहे थे ।।-
वो अब मेरी नही
इस बात का कोई मलाल नही है
पहले तकलीफ बोहोत हुई थी
अब दिल का वो हाल नही है
इंतज़ार मे गुजारे थे दिन
अब वो दिन वो साल नही है
जाना था उसे वो चली गई
अब उसके आश मे रहु इतना वक्त नही है-
वो मोहब्बत थी मेरी कोई आम बात नही
जो रात गुजारे थे अब वो रात नही
कुछ निशान थे जो मिट गए
पर कुछ लम्हे थे जो मिटे नही
गम तो बोहोत था जाने का
पर दिल केहता फिर से कोई धोखा नही
कोई बताए ये कैसी याद है
जो भूल कर भी मै भुला नही ।।-
मत रखा कर उम्मीदे-ऐ-दिल किसी से,
यहा जज्बातो से ज्यादा शर्ते जरुरी है..!-
अपने एहसास कोरे कागज पर लिख दी, तुझे महसूस ना होने दिया,
अपनी आदते खुद ही बदल दी, तुझे वजह ना बनने दिया !!-
जो बच गया वो सच नही
जो सच है वो बचा नही ।
कुछ गम थे जो छुपा लिए
कुछ ख्याल थे जो मिटा दिए,
कुछ नही बचा अब
न कहने को न सुनने को ।
छोड कर वो तब भी गए थे
छोड कर वो अब भी जाऐगे ।।-
बेवक्त बेवजह तुम्हे याद करे,
ख्यालो मे तुम्हारे खो जाए...
"ज्यादा नही बस",
ये चार दिन की जिन्दगी मे
कहो तो हम तुम्हारे हो जाए !!-
तेरी आदत को नशा बनाना उल्फत है,
तो तेरे नाम को सुकून केहना चाहत है !!-