Nishi Jain   (Nishu)
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Somewhere in between memories and imagination.
Joined 14 August 2019


Somewhere in between memories and imagination.
Joined 14 August 2019
23 MAR AT 22:20

हम क्या रूठे,
उसने मनाना छोड़ दिया…
इन तीन महीनों में,
वो सिर्फ़ तीन बार आया…
और उसको आता देख
मैंने दिल लगाना छोड़ दिया….

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10 MAR AT 15:34

मैंने उसकी नासमझी को भी
प्यार से समझा,
और उसने मेरी समझ को ही
नासमझ कह दिया गेरो के बीच…

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2 JUL 2024 AT 16:47

Ek ache hum safar ki talaash me…..
na jaane kitno ko peeche choda……

Pr jb humsafar ke saath waqt nikala….
to apne aap ko hi mene kosa…..

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28 JUN 2024 AT 15:01

हम खूब पछतायें…..

वो हमे ख़्वाब दिखा गये
ओर हम निभा ना पाए….

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19 JUN 2024 AT 15:58

क्यूँ होती है..

आख़िर क्यूँ अपनो
से दूरी सहनी पड़ती है..

ऐसा क्या गुनाह किया मैंने
कि इतना प्यार करने पर भी

मुझे उनसे दूरी निभनी पड़ती है

हर रोज पूछती हूँ अपने आप से
कि आख़िर क्यूँ
दूरी अपनो से सहनी पड़ती है..

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13 JUN 2024 AT 13:27


जो हाथ आता था अकसर चहरे पर
बाल संवारने के लिए,

वो हाथ तो इस बार भी आया पर
घाव देने के लिए,

अब दिल और जज़्बात ऐसे बिखरें है कि,

उसके पास होने से भी एतराज़ है…..


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20 FEB 2024 AT 11:23

na jaane kitne din nikale tumse milne ke liye

or jb tum mile.....

jee bharke niharne ka mauka bhi na diya.

na Jane kaise narazgi dil me chupaye baithe the..

ki hum samne bhi the phir bhi nazarein kahin oor lgaye baithe the

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1 SEP 2023 AT 23:08

हमको बता के
वो पीते हर रोज़ हैं....

ओर,

उनसे छुपके
हम मरते हर रोज़ हैं.....

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21 JUL 2023 AT 0:19

सुबह का पहला मैसेज तुम हो
पल पल फ़ोन देखने का जरिया तुम हो

खाना पहनना सब तुमको दिखना है
हो कुछ खास तो तुम्हे बताना है

शाम की चाय का एहसास तुम हो
लोगों के बीच शरमाने कि वजह तुम हो

मेरी रातों की बेचनी तुम हो
और
रात मे नींद ना आने का कारण भी तुम ही हो...

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6 JUL 2023 AT 23:21

इस भागती हुई दुनिया में,
एक सहारा चाहिए

इस शोर भरे आंगन में,
एक आसरा चाहिए

जैसे डूबती हुई नाव को,
एक किनारा चाहिए

बस इसी तरह मुझे,
अपने जीवन में तेरा साथ चाहिए।।।।।।

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