Rokna to chaha tha tumko...
Pr us din mohabbat se jyda bda
hme hmara आत्मसम्मान lga...
Kyoki hm apko rokte to shi pr ap fir koi dusra bahana dhundte...
Bs iliye hi hmne apko jane diya....
Pr aise jane diya ki lge tumne nhi...
Hmne tumse bewafaai ki h...
Glt tumne nhi galat to hmne kiya...
Koi tumpr ungli na uthaye...
Isliye sare ilzaam hmne khud pr liye h...
Ha hmne bewafai krke bhi tumse wafa ki khwish ki h..
Ki shyd...
Tumhare dil me thodi to hmari jgh hoti....
Pr jaan gye h
ab dil me kya kbhi
jindagi me bhi jruri nhi the
hm tumhare...
Isliye hi to
ek uff bhi na kiya tumne
hmare chle jane ke baad...
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jab mn kiya tb koshish ki pane ki tumne...
Jb mn kiya to yu hi akela chor diya..
Door thi manjil tha wada sath chle ka...
Pr tumne to....
Rasta hi kya manjil hi badal li apni..
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रात ही तो है
बीत जानी है ....
बात ही तो है
कुछ तो अधूरी रह ही जानी है ...
क्या फर्क पड़ता है...
कुछ को समझ आयेगी ...
तो कुछ को समझ ही नही आनी है ....
अल्फाज मेरे जैसे खामोश बहता हुआ..
नदिया का पानी है ....-
उनकी यादों के बगैर.....
पर....
बगैर उनके रातें बीतती जा रही है....
हमे गुरुर था उनके होने का...
पर अब सांसे ही तो बची है....
जो उनके आने की आस मे चलती जा रही है ....-
तनहाई इतनी है कि खुद को खोती जा रही हूँ.....
पर वही तेरी दी हुई यादों से दोस्ती भी करती जा रही हूँ....
कुछ मिलने की गुंजाइश भी नहीं है पर तेरे लिए अपनी ख्वाहिशो को भूलती जा रही हूँ .......-
तब तक तो कोशिश साथ रहने की कर लो
जिस्म से रूह के जुदा होने पर तो
हर कोई वापस लौट आने की बात करता है
और
शायद कुछ दिन साथ और रह लेते....
कोई सच मे
तो कोई झूठ में...परवाह थी कितनी उन्हें
ये दिखाने के लिए ऐसी बात करता है-
पर तुझे भूल जाना
ये मुमकिन नहीं होगा
पाना खोना लगा रहेगा
पर एक तेरी याद ना आना
ये मुमकिन नहीं होगा-
तुम्हारी दूरियों ने भी
क्या खूब कमाल किया है....
तेरी यादों को पास लाकर
मुझे मुझसे ही दूर किया है.....-
यह मौसमों का बदलना
कभी धूप
तो कभी
काले बादलों का बरसना
याद अब तेरी दिलाता है
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