Nishchay Nagori   (Dr. Nishchay Nagori)
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Joined 27 February 2018


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Joined 27 February 2018
14 APR AT 13:53

ज़रा इत्मीनान से खुद को सँवारिए, हम बहक जाते हैं इन नशीली आंखों में।
ज़रा धीरे धीरे खुद को रुखसत कीजिए, हम महक जाते हैं तुम्हारी खुशनुमा सौगातों से।
अब और न देर लगाओ, जल्दी से मुझे गले लगाओ,
काफी हुआ इंतज़ार, हम तो ठहर जाते है तेरे जज्बातों में
तेरी मुलाकातों में, ख्वाबों में, पनाहों में, निगाहों में।
हां हम प्यार करते हैं तुमसे सारी राहों में।
हम रहना चाहते हैं हमेशा तुम्हारी बाहों में।।

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17 MAR AT 23:50

कितनी हसीन हो जान-ए -मन, तुम चांद को भी फीका करती हो,

तुम अपनी मीठी बातों और अदाओं से, मेरे दिल को सींचा करती हो,

तुम मेरे जीवन की रोशनी, तुम ही तिमिर में रोशन सौगात हो,

तुम ही मेरे जीवन का आनंद, तुम ही मेरी प्रेरणा और आगाज़ हो,

तुमसे मुझे प्रीत और तुमसे ही मुझे प्रेम है,
तुम हो जीवन का सबकुछ, तुम बेहद बेहतरीन हो।

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16 MAR AT 7:27

तुम सूर्य हो उगते क्षितिज का,
क्यों सोचते हो बादलों का,
क्या रोकें तेरी रश्मियों को,
वो तो खुद वायु के वश में।

तुम हो रवि चढ़ते दिवस का,
क्यों सोचते हो तुम पवन का,
क्या वह रोके तेरी अगन,
वो तो खुद है तेरी लौ के वश में।

फिर से उगो अगले दिवस और,
नाश करदो तुम तिमिर का,
जो आए तुम्हारे रास्ते में,
तुम जला दो अपनी रश्मियों से,

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14 MAR AT 23:14

तुम्हारे लफ्जों में मिठास और आवाज में कशिश है,
तुम हमेशा रहो खुश, बेइंतहा यही मेरी कोशिश है,
मैं तुम्हारे इंतज़ार में सदियों से हूं बैठा,
तुम मिलो इस बार यही मेरी ख्वाइश है।।
यही मेरी किस्मत की आजमाइश है!
यही मेरी वक्त की पैमाईश है
तुम मिलो इस बार यही मेरी ख्वाइश है।।

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12 MAR AT 22:17

अहंत्वा नहि जानामि, नत्वं जानसि मञ्च तत्।
त्वया च प्रीतिपात्रम्च, मम् हृदयहर्षकारणं।।

यथा धवल वकः, तथा धवल त्वं प्रिये।
चम्पकैः पुष्पकैः सं ही, त्वं हृदयकोमलांगना।।

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5 MAR AT 6:01

We all are stuck in this or that remedies to balance any graha or bhava, BUT the biggest remedy is LOVE of DIVINE, when we are born we are in highest state of Chandra, we have highest prana and Jala Tattva in us, BUT later with effects of Malefic planets we experience a constant attack on jala Tattva which makes us dry, harsh, dull, doubtful or ignorant, In the journey of life we always forget WE ARE LOVED DEARLY by DIVINE, and that's where we keep loosing the jala Tattva, DIVINE IS CONSTANTLY LOVING YOU... Just remember GURU LOVES YOU! DIVINE LOVES YOU!! FEEL LOVED, this is the highest remedy one can do, and this will only change any karma.

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28 FEB AT 0:10

For every tree to give big fruits,
It needs nourishment from strong roots
The deeper the roots, gets enrouted,
The best quality fruits gets sprouted,
Mother is the root for the child which seeps inside the ground,
And the nourishment of the mother makes the lives profound.

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20 JAN 2024 AT 18:21

हर व्यक्ति बुद्धि से परेशान है, जब बुद्धि घुल जाती है तब आनंद का अनुभव होता है, व्यक्ति शराब या नशा भी इस बुद्धि को पार करने के लिए ही करता है, इसलिए शरीर को इनकी आदत पड़ती है, की बुद्धि को घोल दे, बंद करके पार करवा दे, पर जो नशा भक्ति में है, वो किसी भी दूसरे पदार्थ में नहीं है,ईश्वर की भक्ति से मनुष्य का रोम रोम जब ईष्ट में घुलता है, बुद्धि जब घुल जाती है भाव में, तब जो आनंद पनपता है, वही शाश्वत है, सनातन है, वही प्राप्त करने लायक है।

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20 JAN 2024 AT 18:20

हर व्यक्ति बुद्धि से परेशान है, जब बुद्धि घुल जाती है तब आनंद का अनुभव होता है, व्यक्ति शराब या नशा भी इस बुद्धि को पार करने के लिए ही करता है, इसलिए शरीर को इनकी आदत पड़ती है, की बुद्धि को घोल दे, बंद करके पार करवा दे, पर जो नशा भक्ति में है, वो किसी भी दूसरे पदार्थ में नहीं है,ईश्वर की भक्ति से मनुष्य का रोम रोम जब ईष्ट में घुलता है, बुद्धि जब घुल जाती है भाव में, तब जो आनंद पनपता है, वही शाश्वत है, सनातन है, वही प्राप्त करने लायक है।

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20 DEC 2023 AT 1:20

Your strength lies in how much you can loose or spend right now, and not on how much you have or achieved, the most powerful are those who are ready to loose everything at the moment.

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