Nishat Usmani   (निशात उस्मानी 🎭)
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Joined 9 September 2018


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27 APR 2021 AT 3:53

ये शाम मुहब्बत की सारे तेरे नाम कर दू,
अगर इश्क़ है मुझसे, तो इज़हार भी कर।।

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25 DEC 2018 AT 1:55

1stly I really like ur Urdu words
All r amazing and well rhym
In ur words there is lots of inspiration
Keep writing keep inspiring
Stay happy and Santa may brings all the wish

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4 MAR 2021 AT 22:32

राहों में आंखे चुरा कर गुजर जाना तेरा,
गुज़रे पलों की हर झलक से मुकरना तेरा,
ऐसी भी क्या कश्मकश है तेरी सनम,
मुझसे बेशुमार चाहत होकर भी न जताना तेरा ।।

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27 FEB 2021 AT 0:15

आज एक बार फिर हार गई मैं,
महबूब, मुहब्बत और खुद से ।।

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21 FEB 2021 AT 19:05

हम थे चले आजमाने औ' आजमा भी लिया ,अब

मेरी भी तुरबत तो हो मोहब्बत के आले ज़हां में !!

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20 FEB 2021 AT 11:10

गलतफहमियां, नफरतों का आशियां बना,
शिकायतें इतनी थी, मिजाज़ भी तल्खी रहा !

ए सनम तुम लौटना, कभी शहर-ए-इश्क़ में,
रंजिशे छोड़ कर , ले आना इश्क़ का समा !!

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11 FEB 2021 AT 21:52

.....

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25 JAN 2021 AT 14:12

बेइंतेहा मुहब्बत वो भी करे, ज़रूरी तो नहीं !!
इश्क़-ए-व़फा हमने किया,रुसवा भी हम ही हुए।।

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12 JAN 2021 AT 9:20


शहर को अपना माना ,ये कहाँ मेरा हक़ था?
अपनों ने दिल तोड़ा, इसमें कहाँ कोई शक था !!

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7 JAN 2021 AT 10:05

है एक ही बस आरज़ू , संग तू रहे यही जुस्तजू,
कहती रहूंँ मैं, तू सुनता रहे, बेबाक सी हो गुफ्तगू ,

शिद्दतों से है चाहा तुझे, हर लम्हा हो हसीन सा,
हो ख्वाब भी हकीक़त कभी, बैठा करो मेरे रूबरू।।

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