मेरा बचपन का प्यार... मेरी किताबें...
जब गई थी मैं बिखर
तुम ही तो हो जिसने पहुंचाया मुझे सफलता के शिखर
जब अपनों के साथ टूटे
गैरों के भी हाथ छूटे
तुम ही तो हो जिसने मुझे संभाला
तुमने ही ने तो किया मेरे जीवन में उजाला
मेरी किताबें... मेरा बचपन का प्यार...
बनी इस जीवन पथ पर मेरा हथियार
खो गई थी मैं दुनिया की भीड़ में, हो गई थी गुम
तब मेरे सभी सवालों का जवाब बनी थी तुम
जब ठीक नहीं थे हालात
तुम बन गई हयात-ए-निशात
मेरा बचपन का प्यार... मेरी किताबें...
आज भी करती है मुझसे बातें…
और ऐसे ही बीत जाती है न जाने कितनी रातें...
न जाने कितनी रातें...
मेरी किताबें... मेरी किताबें... मेरी किताबें...-
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May the divine light of Diwali bring prosperity, good health and success in our lives.
A very happy & sparkling Diwali to all my loved ones.
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प्रेम बंधन नही
प्रेम मुक्ति है...
स्वयं की ही बनाई बेड़ियों से ।
प्रेम यात्रा है...
स्वयं से स्वयं तक ।
प्रेम विशवास है ...
स्वयं के जीवित होने का ।
प्रेम मार्ग है...
स्वयं को पाने का ।-
एकाग्रता ऐसी होनी चाहिए...
कि आपके और आपके लक्ष्य के बीच
कभी कोई न आ सके...-
कब तक चलेगा ये भ्रष्टाचार???
कब तक होगा हम पर अत्याचार???
जन-जन की अब यही पुकार...
सरकार हमे दे रोज़गार।।।
#राष्ट्रीय_बेरोज़गार_दिवस
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जीवित हूँ...
स्तब्ध हूँ, निराश हूँ,
पर जीवित हूँ...
जीवित तो रहना ही होगा प्रिय
चाहे कितना भी
दर्द हो, पीड़ा हो
चाहे कितनी भी
टूट जाऊं,बिखर जाऊं।
हाँ जीवित हूँ अभी मैं...
सहमी हूँ, हताश हूँ,
पर जीवित हूँ...
इतनी वेदनाएँ, पीड़ाएँ और भावनाएँ लिए भी
जीवित हूँ..
आह!!! जीवित हूँ मैं...
बस यही काफी है
कि जीवित हूँ मैं...
यही मेरी उपलब्धि है,
विश्वास है मुझे न हारूँगी मैं अब कभी,
जो इस अवस्था में भी नही हारी...
उसे कैसे हरा पाओगे तुम???
मुझे गिराने को सारे हथियार तो प्रयोग कर चुके तुम,
अब नया क्या लाओगे तुम???
भले ही हताश हूँ, निराश हूँ,
टूटी भी हूँ और बिखरी भी,
किन्तु हारी नही हूँ मैं,
न ही थकी हूँ मैं,
समेट रहीं हूँ ख़ुद को...
एक नए कल के लिए,
एक नए जीवन के लिए।-
जीवन यूँ ही चलता रहेगा।
बस बरक़रार रख हौसला,
एक दिन तू भी आकाश छुएगा।
रख यक़ीन ख़ुद पर,
जग भी तेरी सफलता की कहानी कहेगा।-
किया तुमको याद,
याद जो रहती है हर पल साथ...
साथ मेरा तुम्हारा,
तुम्हारा यूँ रूठ जाना...
जाना बहुत है आता याद,
याद पर मेरा ज़ोर नही...
नही अब कोई आरज़ू बाकी,
बाकी है तो बस तुझ को टूट कर चाहना...
चाहना और बस कुछ भी नही...-
अपने इस दिल में किस-किस को जगह दूं???
तू रहे,
तेरी याद रहे,
और बस...
तेरी मुहब्बत की सौगात रहे...-