बड़े दिनों बाद मुझे तुम याद आयी I
तुम चली गयी हो मुझे अब याद आयी II-
I'm From Ayodhya (u.p)
Engineer (x-RJITian)
My writing reflec... read more
जहा अल्फ़ाज़ बयां नहीं कर पाते हैं,
ख़ामोशी बहुत कुछ कह जाती हैं।-
दिल के कागज पर मैंने फिर आज कुछ लिखा है,
पता नहीं शायद फिर वही किस्सा है|-
याद आएगी तुम्हें मेरी बातें अक्सर,
खो कर जब तुम हमें पा ना सकोगे |-
मैं तेरे ज़िक्र में भी नहीं,
तू मेरे हर किस्से कहानी में भी आज है I-
तेरी मुस्कुराहट ही मेरा सुकून हैं,
जो मुझे हर पल चाहिए |
तेरे दिल में थोड़ी सी जगह हैं क्या,
क्युकी मुझे एक घर चाहिए |-
तुम्हारे जाने के बाद,
आज भी वो चाँद आता हैं I
तुम्हारे जाने के बाद,
कुछ खालीपन सा हैं,
जो समझ नहीं आता हैं I
तुम्हारे जाने के बाद,
कुछ पल हैं जो बहुत याद आता हैं I
तुम्हारे जाने के बाद,
कुछ पल हैं जो हर पल सताता है I-
मैं डूबा जाऊं,
तेरी इन उदास आँखों मैं I
की तू चेहरे पे चेहरा लगाए,
तो भी पता न चले I-
I am hungry to your marvelous snigger and the shadow of your arms.
I need to devour the twinkling rays
of your beauty.
-Nishant Singh Chauhan-
बिना किसी शर्त के
हमको हैं साथ चलते जाना,
बिना किसी शर्त के
हमे बातों पे हैं मुस्कुराना,
बिना किसी शर्त के
हमे हैं ये प्यार निभाना II-