Nishant Garg   (Garg's_ÇreatioÑ)
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Joined 1 October 2020


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25 MAR 2024 AT 23:22

Humne to poori shiddat se sambhalna chaha tha,
Magar unhone todne ki saari hadein paar kar di

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25 MAR 2024 AT 23:05

There are missing some colours in my life
That's why I don't like festival of colours
HAPPY HOLI

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25 MAR 2024 AT 23:00

Rang birange rang ude Aaj fir fijaon me
Kuchh toote hue Dil Jude aati jati raahon me
Ynha Kaisha nazara tha Holi ka, humme kya pta
Hum Ek baar fir mashroof rahe kitabon ki baahon me

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6 MAR 2024 AT 13:38

अच्छा चल देता हूं साथ तुम्हारे,सिर्फ तुम्हारे कहने पर
लिख देता हूं चार पंक्तियां,सिर्फ तुम्हारे कहने पर
होने को तो एक library है तुम्हारे साथ बिताए लम्हों की
फिर भी रख लेता हूं एक और लम्हा सिर्फ तुम्हारे कहने पर।

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7 FEB 2024 AT 17:35

हमने ये सोचकर भी उनसे निगाहें चुरा ली
की कहीं ये निगाहें उनपर ठहर ना जाएं

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2 FEB 2024 AT 23:30

मैं चाहे जितना मुस्कुरा लूं मेरे खुदा
मेरे अंदर का शख्स रोता बहुत है।

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1 FEB 2024 AT 14:07

रोज डूबते है सूरज चांद कल वापिस आने को
और लोग कहते है,कल कभी नही आता ।

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30 JAN 2024 AT 23:36

किसी दिन तो ठहरेगी उसकी निगाहें मुझ पर
जिस एक शख्स का दीदार मैं मुसलसल करता हूं।

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11 JAN 2024 AT 17:26

बातें तो बहुत कहनी थी उनसे
मगर हम सिर्फ "अलविदा",
कहकर लौट आए।

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18 DEC 2023 AT 19:34

लकीरें हाथों की कुछ बताती नही
आंखे कोई ख्वाब अच्छा दिखाती नही
एक खेल चल रहा है मेरे और जिंदगी के बीच
जिसमें जिंदगी खिलाती तो है मगर जिताती नही

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