दिल में जो तेरे था मुझे वो घर क्यूँ नहीं देते
इक बार जो चाहता हूँ वो कर क्यूँ नहीं देते
इतनी ही मोहब्बत है तो कुछ तो दो सिला
मेरी इस तन्हाई को भर क्यूँ नहीं देते
मैं कितनी देर और रहूँ इंतज़ार में
मेरी इस दस्तक को दर क्यूँ नहीं देते
मजबूरियां हैं जितनी सब मेरे लिए हैं
थोड़ी सी तकलीफ़ उधर क्यूँ नहीं देते
इस इंतज़ार के बदले ऐसा करो मुझे
अपने ही हाथों से ज़हर क्यूँ नहीं देते-
पता नही लोग मेरे बारे मे इतनी जल्दी राय कैसे बना लेते है
मै ... read more
इरादे उम्मीदों के,सख़्त लगते हो
तुम मुझे मेरा,बुरा वक्त लगते हो
होठों पर नज़र,नहीं जाती है क्या
माथा चूम कर,क्यू लगे लगते हो
यार लहज़ा ऐसा, क्यूं है तुम्हारा
देखने में,इंसान तो भले लगते हो
तुम्हे क्या पता,दिल कहतें हैं इसे
तुम जो खिलोने, बेचने लगते हो
सच्चा इश्क़ ही तो, मांगा है मैंने
हर बार ये क्या, सोचने लगते हो
उदास हो कर कहते हैं,अलविदा
जब तुम ये,घड़ी देखने लगते हो
के कुछ पहेलियां भी,समझा करो
तुम मतलब,क्यों पूछने लगते हो
कोई ख्याल बचा कर,रखो निशांत
तुम तो बस,कलम ढूढने लगते हो
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मैं बात कर के बात, बढ़ा रहा हूं
फोन से कुछ तस्वीरें,हटा रहा हूं
तेरा नाम याद रख सकूं,इसलिए
तेरे नाम के पासवर्ड लगा रहा हूं
मेरे बाद,है तेरा कोई एक रफ़िक
तुझसे पूछ नहीं रहा,बता रहा हूं
मेरी बात पर, यकीन नहीं है इसे
सोए एक शख्स को,जगा रहा हूं.
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पूरी रात तेरी एक झलक को तेरी गली में बैठा रहा।
तेरी कही सारी बातों का प्रेशर दिमाग में सहता रहा।
चुप हो जाओ, शोर मत करो, मैं चोर नही हु।
तेरी गली में सारे कुत्ते से कहता रहा।
सारी बाते उस रात की सिनेमा की तरह याद है
तेरे घर के सामने हुई आंसुओ की बरसात है
आज तू साथ नही, पर जख्म अभी ताजा है
पूर्णिमा होते हुए भी जो सबसे काली थी।
‘ये उस रात की बात है’
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एक तोह जीवन मे परेशानी कम नही
उसपर तेरा गुस्सा हो जाना।
जैसे टूटी हो छत मेरी
और सावन का बरस जाना।-
ARTICLE 21 हो तुम मेरी जिंदगी की
Emergency मे भी तुम्ही काम आती हो।
(Constitutional shayari by political science student)😊-
बुढ़ापे तक का सफर सोचने वाले को कौन पसंद करता है?
OYO वाले को कौन मना करता है?
यार हम भी वैसे निकलते तोह बात कुछ और होती।
यार आज डिप्रेशन मे मैं नही वो होती
हम भी टाइम पास करते तोह बात कुछ और होती
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प्यार तोह एक खेल है साहब
प्रेमिका हमेसा प्रेमी को बच्ची लगती है।
अंधभक्तो का इश्क़ है ये
इन्हें मेहबूब की हर बात सच्ची लगती है
जिस्मानी इश्क़ है तेरा मेरा
ये रूह की बात सिर्फ शायरियों मे अच्छी लगती है— % &-
आप चले गए आपको ऐसे नही जाना था
अभी तोह बहुत कुछ कहना, और गाना था— % &-
तुम्हारे बिन भला हम क्या करेंगे।
तुम्हारा रास्ता देखा करेंगे।।
तुम अपने दिल प' रखकर हाथ बोलो।
तुम्हें लगता है ? हम धोखा करेंगे।।
दीवानेपन की हद तक जा चुके हैं।
अभी तो देखिए क्या - क्या करेंगे।।
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