सुकून की तलाश
एक सुकून को पाने के चक्कर में
कितनी बेचैनियां पाल ली हैं हमने
बचपन में देखते थे बड़े होने के सपने
और बड़े होकर निकले बचपन को ढूंढने
सुबह जो स्कूल भाग कर जाया करते थे
अब भागादौड़ी में दिन बिताते हैं अपने
सोचते थे.. शहर में जाकर सुकून मिलेगा
अब सुकून की तलाश में, शहर से दूर जाया करते
जो नींद कभी सपना टूटने पर खुला करती थी
अब खुली आँखों से हैं सपने टूटते देखा करते
सुकून का पता नहीं, पर बची हैं अब उलझने
सोचो ज़रा, इतना सब खोकर क्या पा लिया हमने
एक सुकून को पाने के चक्कर में
कितनी बेचैनियां पाल ली हैं हमने-
Instagram: bansal_nish
रेल सी लंबी बातें हुआ करती थी कभी
अब बस एक दूसरे को रील्स साझा करते हैं
यूँ तो कहने को एक लंबी सूची है दोस्तों की
साथ निभाने का बस एक या दो ही वादा करते हैं
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जन्में हैं हम सब, छोटे परिवारों में
छोटे सोच से नहीं, सामाजिक बंधनों से हैं
और दबा हूँ मैं भी उसी बोझ तले
तलाशता अपना वज़ूद, उन्हीं बंधनों में कहीं
रिश्ते नातों, रिति रिवाजों का एक जंजाल सा है
लोग क्या कहेंगे, ये भी तो एक रोग सा है
रूढ़िवाद और अंधविश्वास का एक ताला सा है
चाबी जिसकी शायद गुम सी गयी है
रास्ता कहीं दिखाई नहीं देता, अंधेरे ने उलझाया है
रोशनी की तलाश में जो भी जाता, वह भी भरमाया है
शायद मैं भी अपना रास्ता ढूंढ रहा हूँ,
खोज में उसकी इधर उधर दौड़ रहा हूँ
काश ये सब एक बुरा सपना होता,
नींद खुलते ही जो टूट गया होता
पर यही सच है, दुनिया का सच।।-
Everyday begins with a new sunrise, a new hope and an opportunity to forget the bad memories. Wake up and enjoy the process.— % &
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He had few things left along with his maroon shirt
Memories to cherish but with a broken heart.-
साँसों का सौदा
दिन चढ़ा, राजनीति चढ़ी
गिरा तो सिर्फ लोगों का इमान
कलयुग में जो समझे
आपदा को अवसर
ऐसा हो गया है इंसान
हर तरफ फैला है धुआँ
हो रहा साँसों का सौदा
लालच की भूख बढ़ी है
खेल हो रहा है कोई घिनौना
ना मिल रही दो गज ज़मीन
ना खाली है कोई शमशान
कोरोना की इस जंग में
हार रहा है इंसान
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I may have lost touch with you
But I still meet you in my dreams
I may have stopped talking to you
But I still pray for you in all my offerings
I may act like I don't care about you
But your memories run in my bloodstreams
I feel very low during some nights
But I have no one to share my feelings
Come back, don't you hear my screams?
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मतलब साधे सो मित्र है
बिन मतलब की ना प्रीत
जो ना हो किसी से भी मतलब
अपना भी पराया हो प्रतीत-
ना कोई दोस्त अपना है
ना कोई अपना दोस्त है
दिखावे की दुनिया है 'ऐ दोस्त'
सबको अपना उल्लू सीधा करना है-
शायद पिछड़े ज़माने के साथ मैं भी पिछड़ रहा हूँ
पुराने दोस्तों में खुशी के वो गुजरे हुए पल ढूंढ रहा हूँ
जो कभी साथ बैठकर हँसी ठिठोली किया करते थे
उनको अब आमदनी की दौड़ दौड़ते देख रहा हूँ
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