अगर बहनें नहीं होंगी तो तेरी उदासी कौन बाँटेगा,
और रक्षाबंधन के दिन भाइयो को राखी कौन बांधेगा,
तू सबसे अलग है थोड़ा सा,
है नटखट लेकिन ज्यादा सा,
तू बहन सी मुझको लगता है,
जब जब किसीसे तू जलता है,
तेरी नादानी बहुत परेशान करे,
तुझ बिन जीवन सुनसान लगे,
जब कभी रोका टोका करता है,
बड़ा भाई सा उस दिन लगता है,
मुझे खुश रखने को लाखों जतन तू करता है,
फिर मै डॉटु तो मुझसे ही लड़ता है,
जब भी मैं उलझन में होती हूँ,
तू लाखो तरकीब बताता है,
जब भी तुझ पर चिलाऊ मै,
तू बस थोड़ा मुस्काता है,
मेरे जीवन के दुखो में तू ना जाने कब भागिदार बना,
जब भी मुझे जरुरत थी मुझे हमेशा तू तैयार मिला,
मेरे जीवन का नमक है तू,
तुझ बिन जीवन बहुत ही फीका है,
सब आते जाते रहते है पर तू तो मुझ में जीता है.
कुछ लफ़्ज़ों में जो आ जाये तू ऐसा शख्स नहीं लगता,
तुझे लिख पाऊं पूरा मै ऐसा मेरा किरदार कहा,
तेरे दुःख को मैं दूर करो बस ऐसी कोशिश करती हूँ,
सबसे नहीं लड़ सकती जब तभी बस तुझसे लड़ती हूँ,
सबकी बातों का फर्क नही चुपचाप बस इसलिए रहती हूँ,
भाई तू बेशकीमती है तुझको खोने से डरती हूँ,
"HAPPY BHAI DOOJ"
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