तुम हमेशा कहते हो ना कि छोड़कर तो नहीं जाओगी
तो सुनो! आज बताती हूं तुम्हें
तुमसे बेहतर न कोई था ना है ना चाहिए
अब चाहे झोंपड़ी में रखो या महलों में
रहना तुम्हारे साथ ही है,
चाहे नंगे पैर चलाओ या कार में बैठाओ
चलना तुम्हारे साथ ही है,
चाहे नमक रोटी खिलाओ या छप्पन भोग
खाना तुम्हारे साथ ही है,
चाहे काला धागा पहनाओ या हीरो के हार
पहनना तुम्हारे हाथ से ही है,
चाहे सुख की बौछार हो या दुख का पहाड़
काटना तुम्हारे साथ ही है,
तुम जैसा कहो वैसा करूं मैं
तुम जैसे रखो वैसे रहूं मैं
तुम कहो दिन तो आरती सजाऊं मैं
तुम कहो रात तो आंखें बंद कर सो जाऊं मैं
तुमसे ही अंधेरे में उजयाली है
तुमसे ही अब मेरी दुनियां में खुशहाली है।
#निशा तिवारी शुक्ला #
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कलम के सहारे, कागज़ पर वार देती हूँ......
कितनी अजीब बात है न
जिसके बिना इक पल नहीं रह सकते थे
अब उसके बिना पूरी ज़िन्दगी गुजारनी है
हर सुबह जिससे शुरू
और रात जिस पर ख़त्म हो जाया करती थी
उससे अलग अब ये दिन रातें गुजारनी हैं
उसके बिना ये पूरी ज़िन्दगी गुजारनी है-
काश ये ज़िन्दगी का हर लम्हा पेंसिल से लिखा होता
जैसे कुछ गलत लिखकर रबड़ से मिटाया जा सकता है
वैसे ही मिटा सकते अपने बीते हुए कल को
और फ़िर से लिखते सोच समझ कर
बेहतरीन तरीके से कि फिर से गलती की गुंजाइश ना रहे ।
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तब भी आसमां झांक रहा था
पेड़ों के पीछे से
हम दोनों की अटखेलियों को
आज भी ये गगन देख रहा है
हम दोनों की चुप्पियों को
तब भी यही ज़मी थी
जो हमारे मिलन को देख कर थम जाती थी
आज भी यही ज़मी है
हमारी दूरियों को देख कर भ्रमित है
तब भी ये हवाएं हमारी आखों में झांक कर
देख लिया करते थे हमारी एक दुसरे के लिए परवाह को
आज ये हैरान हैं कि हम एक दूजे के लिए इतने बेपरवाह से क्यों हैं
तब जब बादल बरसते थे
तो देखते थे हमारी आखों में नई चमक को
आज ये बादल बस निहार कर रह जाते हैं
कि कहां गए वो मेरी बूंदों का इंतजार करने वाले
क्यों हम एक दूजे से इतना वीरान हैं
क्यों हम एक दूजे से इतना परेशान हैं
अजीब सा चिंतन मनन चलता रहता है
मलाल दोनों के दिलों में पलता रहता है।-
कुछ समय से मैंने लिखना भी छोड़ दिया है
ज़रूरत से ज्यादा किसी को दिखना भी छोड़ दिया है।
अब अगर लिखती होती तो मेरी सारी ख़बर होती लोगों को
आजकल दूसरों से सुन-सुनकर मेरे
विषय में जानकारियां मिलती हैं उन्हें
यहां वहां से सुनकर वो वह भी जान लेता है
जो न तो हुआ होता है न मैंने कहा होता है।-
अगर साथ साथ चलने का फैसला ना किया होता
तो शायद राहों में इतने मोड़ नहीं होते
प्रेम करके सारे रिश्ते खो दिये
इससे तो अच्छा हम दोस्त हुए होते-
भगवान तुम्हें हर खुशी दे
जैसी तुम चाहो वैसी जिंदगी दे।
खूब कामयाब बनो
जिदंगी में हमेशा आगे बढ़ो
जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं!— % &-
सब पूछते हैं मुझसे
कि मैं हर पल क्यों रो रही हूं
कुछ ही दिनों में मैं
अपना पूरा जहान खो रही हूं।-
मेरी आवाज़ सुनकर उसका सब जुड़ जाता था
उसकी आवाज़ सुनकर मैं टूट जाती हूं
मैं ये सोच कर आज चकनाचूर हो गई
कि
मेरी आवाज़ सुनकर आज वो बिखर कैसे गया।-
बस तुम्हारी याद आ रही है।
कितनी ये तो पता नहीं
बस आज बेहिसाब आ रही है
सुनो!
बस तुम्हारी याद आ रही है।-