अंत के दो पहलू... किसी के लिए दुखद तो
किसी के लिए सुखद अंत।-
वह एक छोटे से पिंजरे में फंसी एक शानदार शेरनी थी, समुद्र की विशालता में खोई हुई एक जीवंत पक्षी थी। उसकी शक्ति और स्वतंत्रता निर्विवाद थी, फिर भी वह उस स्थान के लिए तरसती थी जहाँ वह वास्तव में थी। उसकी ताकत और उस यात्रा की कल्पना करना वास्तव में विस्मयकारी है जिस पर वह आगे बढ़ना चाहती थी। वह अदम्य और उग्र शक्ति थी। लेकिन उसकी असली मंजिल उससे दूर थी। वह ताकत से दहाड़ती थी, फिर भी पिंजरे में बंद थी। वह एक पक्षी की तरह उड़ी, लेकिन गहराई में खो गई।
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She was a magnificent lioness trapped in a tiny birdcage, a vibrant bird lost in the vastness of the sea. Her power and freedom were undeniable, yet she yearned for the place where she truly belonged. It's truly awe-inspiring to imagine her strength and the journey she longed to embark on.She was a force to be reckoned with, untamed and fierce. But her true destination eluded her.She roared with strength, yet confined in a cage. She soared like a bird, but lost in the depths.
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सिर्फ एक बहाने की तालाश होती हैं
निभाने वाले को भी और
जाने वाले को भी-
इश्क की गहराईयों में खुबसुरती क्या,
मैं हूँ और तुम हो... और कुछ की जरूरत क्या ।।-
If penance was of Parvati.. then Shiva also gave up his disinterest...
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मुड़ कर देखोगे जब भी
एक इंतज़ार तेरा ही होगा
हाथ तो थाम के देखो
आखिरी साँस तक साथ
तेरा ही होगा....-
प्यार की चाहत तुझसे... क़ुरबाँ हूँ मैं तुझपे
इश्क़ हैं तू मेरा
फिर क्या मरना और जीना ....
लूट जाऊ मैं तेरी चाहत में....की मेरे मरने के
बाद भी रूह साथ निभाए बस एक तेरा।।-