आज भीतर तक ठेस पहुंची,
बहुत से सपने भी बिखर गये,
लेकिन मैं हार नहीं मान सकती,
लगता है खुद को साबित करने के लिए जिंदगी का एक ओर दोर किताबों को देना होगा ।— % &-
Nisha Sharma
(तीसरी मीरा nisha sharma)
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Joined 1 February 2019
7 FEB 2022 AT 23:08
23 JUN 2020 AT 8:46
वो जिंदगी, वो जगह सब वापस मिल जाते
अगर तुम इतनें आगे ना निकले होते तो-
22 JUN 2020 AT 8:58
हमें उनसे अनुराग था
और उन्हें हमसे आसक्ति
फिर क्या,
उन्होंने वापसी कर ली
और हमने विरक्ति-
15 JUN 2020 AT 13:23
जाने कौन सी दुनिया बसती है, उस गगन के पार
सुना है,
अब तो ज़मी के सितारे भी जाने लगे हैं वहां
तोङ जीवन के तार
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1 JUN 2020 AT 23:56
किताबें हमारी पढीं थीं सभी ने
पर हमको किसी ने पढा ही नहीं
जिस्म को हमारे सराहा सभी ने
पर रूह को हमारी छुआ ही नहीं
सफलता हमारी थी देखी सभी ने
पर प्रयासो को देखा ही नहीं
लिखा हमने वो समझा सभी ने
पर हमको किसी ने जाना ही नहीं-