Nisha p Thapa   (Nisha’s feelings)
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Joined 26 February 2020


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28 AUG 2024 AT 14:45


सर्द सुबह में ओस की बूँद सा तुम
पहली धूप की किरण में हो तुम
हाँ मेरे नसीब में हो तुम !

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5 AUG 2024 AT 22:07

जब हम मिलेंगे ना तो वक़्त को तुम थाम लेना
उसी नज़ाकत से जैसे तुमनें मुझे सम्भाला
धड़कने बेशक हमारी बढ़ेंगी पर तुम ना
उलझे रहना मेरी सांसों में
जिस्मों वाला प्यार तो सभी करते है
तुम मेरे रूह को छूना
महसूस करना मेरे अनकही शब्दों को
फीकी पड़ जायेंगी शायद ज़ुबाँ मेरी
पर तुम ना मेरे अश्क़ों से समझ जाना
यही की ! तुम ना बस मेरे ही रहना …

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14 JUL 2024 AT 19:57

मैं रहूँ या ना रहूँ दिल के किसी कोने में मेरी जगह रखना !
गुजरना उन गलियों से कभी तुम भी !!
ख़्वाहिशों को मेरे बरकरार रखना !
जहां ! हम वक़्त को कभी पीछे छोड़ ,
इंतज़ार किया करते थे !
कुछ धुँधले से पल , तो कुछ बिखरे हुए क़िस्से !
याद आयेंगे तुम्हे जब गुजरोगे उन रास्तों से !
थाम लेना उस पल को उसी क्षण !!
और महसूस करना मुझे ,मिलूँगी मैं तुम्हें ,
हर मोड़ पर उन्हीं यादों के साथ !
जो छूट गये एक वक़्त के साथ !!
मैं रहूँ या ना रहूँ दिल मेरी जगह बरकरार रखना ,
यादों के पन्नो को संभल कर रखना!!
बस दिल के किसी कोने में मेरी जगह रखना …Nisha p

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6 MAY 2024 AT 19:37

खोयी सी जज़्बातों को यूँ ही उभरना पड़ेगा ।
ख़्वाब झूठे ही सही जीना भी तो पड़ेगा ।।
कहाँ भरते है घाव उन तमाम ख़ुशियों के बीच भी ।
मुरझाए जो थे कभी उन किस्सों के बीच ही ।।
मुस्कुराहट से भी तकलीफ़ होती थी ना ।
आज चुप जो हो गये तो खोने का डर भी ।।
ख़्वाब ही तो थे तुम्हारे जीवित रूप में ।
अब बिखरने लगे तो फ़िक्र कैसी….

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29 MAR 2024 AT 20:29

तेरी ख़ुशी में खुश हूँ

एहसास है मुझे तेरी जज़्बातों का
ख़यालों में भी रहूँ इसकी फ़िक्र नही
खोने के डर से थोड़ी सहमी सी हूँ
पर मुस्कुराहट अभी वही क़ायम है
माना की सब ठीक चल रहा
पर वो ठहराओ कहा है अभी
मुमकिन सा लगता है सब कुछ
पर दिल को हर बात समझाना
कहा तक जायज़ है 🙂

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19 MAR 2024 AT 21:02

वो तपिश रेत में कृषाणु
मैं शरद शीत सी चाँदनी
वो गगन में लिपटे ऊँस सा
मैं बसंत में कचनार सी

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25 DEC 2023 AT 18:45

एक भरोसा ही तो नहीं तोड़ना था
बाक़ी सब तो हम हँस कर सह ही रहे थे

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25 NOV 2023 AT 22:13

दिल से वो आस भी निकल जाएँगे
जो बिताये थे हमने हसीन पल कभी
एक बार ख़्वाबों में ही सही
थोड़ा गुफ़्तगू तो कर जाइए

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25 NOV 2023 AT 21:06

ख़्याल तक नहीं आया की |
कभी किसी का एहसान लूँगी ॥
पर तेरी दोस्ती ने तो मुझे |
क़र्ज़दार बना दिया यार ॥

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16 MAR 2023 AT 17:56

मैं किसी के लिए बद्दुआ नहीं माँगती
लेकिन जिसने मुझे जो दिया है
दुआ करती हूँ उसे उसका दुगुना देना “महादेव”

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