Nisha p Thapa   (Nisha’s feelings)
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Joined 26 February 2020


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29 MAR AT 20:29

तेरी ख़ुशी में खुश हूँ

एहसास है मुझे तेरी जज़्बातों का
ख़यालों में भी रहूँ इसकी फ़िक्र नही
खोने के डर से थोड़ी सहमी सी हूँ
पर मुस्कुराहट अभी वही क़ायम है
माना की सब ठीक चल रहा
पर वो ठहराओ कहा है अभी
मुमकिन सा लगता है सब कुछ
पर दिल को हर बात समझाना
कहा तक जायज़ है 🙂

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19 MAR AT 21:02

वो तपिश रेत में कृषाणु
मैं शरद शीत सी चाँदनी
वो गगन में लिपटे ऊँस सा
मैं बसंत में कचनार सी

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25 DEC 2023 AT 18:45

एक भरोसा ही तो नहीं तोड़ना था
बाक़ी सब तो हम हँस कर सह ही रहे थे

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25 NOV 2023 AT 22:13

दिल से वो आस भी निकल जाएँगे
जो बिताये थे हमने हसीन पल कभी
एक बार ख़्वाबों में ही सही
थोड़ा गुफ़्तगू तो कर जाइए

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25 NOV 2023 AT 21:06

ख़्याल तक नहीं आया की |
कभी किसी का एहसान लूँगी ॥
पर तेरी दोस्ती ने तो मुझे |
क़र्ज़दार बना दिया यार ॥

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16 MAR 2023 AT 17:56

मैं किसी के लिए बद्दुआ नहीं माँगती
लेकिन जिसने मुझे जो दिया है
दुआ करती हूँ उसे उसका दुगुना देना “महादेव”

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9 FEB 2023 AT 12:49

बात उन दिनों की है जब वाट्स एप्प नहीं था
बातें होती थी मगर ई मेल के ज़रिए
वो मोहब्बत भी कितनी पाक थी
जो इंतज़ार में बिताये जाते थे एक संदेश के !
अड़चनें वहाँ भी आती थी पता है कैसे
कभी बत्ती गुल तो कभी सर्वर डाउन
कंप्यूटर की 😃
हम भी कोई उस जमाने के नहीं है भाई
बस इश्क़ हमारा वाट्स अप्पिया नहीं
Yahoo. Com वाला रहा है
ना नंबर का झंझट ना नाराज़गी में ब्लॉक का सिस्टम
पॉकेट मनी बचाकर कैफ़े जाने वाले थे हम
भला क्यूँ ? तो बस उस email में मोहब्बत का जवाब देने 🌹

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19 JAN 2023 AT 19:34



एक स्त्री को दी हुई तकलीफ़
उसके आँसू तुम्हारे सात पीढ़ियों
को भी नष्ट कर सकती है
इसलिए ज़िंदगी अगर मौक़ा देती है
तो संभल जाओ सम्मान करो
किसी के दर्द की वजह नहीं
उसके दर्द की दवा बनो

प्यार में स्वाभिमान नहीं सम्मान रहें
पाने कि लालसा नही त्याग की भावना रखें
🙏😒

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14 JAN 2023 AT 0:18

चाय के प्याले को हाथ में लिए
धड़ल्ले से मेरा आपके पास आना
फिर एक प्यारी सी मुस्कान आपके चेहरे पर
देखके मेरा खिलखिला कर वो हँसना
हाँ याद आता है मुझे
आपसे वो पहली मुलाक़ात
दिल के किसी कोने में दस्तक
तो मैं दे ही चुकी थी
बस बात तसल्ली की थी
वो ये कि क्या होगा मेरा जवाब
बहुत ही ख़ास थी हमारी
रिश्ते की शुरुआत
ना वाट्स ऐप था ना फ़ेस्बुक का प्यार
करते थे हम ईमेल से वार्तालाप🤪
कहानी ज़रा लम्बी है
ज़रा ग़ौर फ़रमाइएगा
आजकल के बाबू शोना क्या करते होंगे प्यार
मोहब्बत तो हमने की थी जनाब
रात के अंधेरे में कोहरे वाली सर्द रातों में
घर के बाहर तो कभी आँगन में गुज़ारी है क़ई रात
मैं उनकीं बाबू वो मेरे जानू हुआ करते थे
वो क़िस्से तो ईमेल में यादें बनके रह गयी
और नाम से हम आज बच्चों के बीच चर्चित हो गये 😄


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10 JAN 2023 AT 13:51

आज के युग को देखते हुए अगर बात करें
तो कौन किसी का सगा होता है ?
रिश्तों के नाम पर दिखावे का मुखौटा
लगाए सब जी रहे है
कुछ के जीने के अन्दाज़ निराले होते हैं
जो हर मुखौटे को बखूबी से निभाना जानते
और जो ना समझे वो करते नज़रंदाज़
दो पहलुओं में ज़िंदगी हो चुकी है
कहने की कुछ भी नही
करने को फिर वक्त भी नही
कैसे सुलझाए इस गुत्थी को
सोचना भी हमें और समझना भी हमें
जब ज़िन्दगी हमारी तो फ़ैसला भी हमारे
तो करते हैं कुछ नायाब सा !
पंक्तियाँ कुछ ऐसी है की
दिल कि मशवरा कभी ना लेना
कर देता है ये नादानी
ध्यान लगाकर सुनो दिमाग़ की
पछतावे कि ना होगी ग्लानि
पता है क्यूँ ????
दिल लगाए वहाँ जहाँ दिल मिले
और अगर लगाना पड़े दिमाग़ तो
अज़नबी बनके रहें

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