जब भी किसी से मिलती थी
मैं पूछती थी
आज से कई सालों बाद
हम कैसे मिल रहे होंगे?
वे मुस्कुराते थे
मैं उन्हें देखती थी
सोचती थी
वो पल तब निकल जाता था
दूर, बहुत दूर।
हम फिर मिले
कई सालों बाद
मैंने फिर पूछा
'वे' इस बार मुस्कुराए नहीं
उन्होंने बताया
हम सब थके मिलेंगे
जब कई सालों बाद मिलेंगे।
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स्याही और कुछ बातें बस अपनी हैं, और बाकी का पता नहीं।
Thoughts, feelings, quotes, po... read more
जाने से पहले एक बहाना छोड़े जाना
उस चाँद का मुख कहीं और मोड़े जाना
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किस शहर है घर तुम्हारा, मुझे क्या
एक घर तेरा मेरे दिल में, तुझे क्या-
मेरे चारों ओर घिरे हुए
इन लोगों से
तुम डरना मत
ये सारे हवाओं से हैं
जो वक्त रहते दिशा मोड़ लेंगे
तुम तो समुद्र से हो
जिसमें डूब कर
मैं हर रोज़ ठहरती हूँ।-
कुछ कहानियाँ
इतनी खूबसूरत होती है
जी चाहता है
एक साँस में पढ़ जाऊँ
और कुछ कहानियाँ
और भी खूबसूरत होती है
तब जी चाहता है
थोड़ा ही पढ़ूँ
और ज़्यादा इंतज़ार करूँ
अगले पन्ने का....,कल
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न तुम्हें कुछ लिखा
न तुम पर कुछ लिखा
उन डायरी के पन्नों में
तुम्हें हर रोज लिखा-
जो पीछे छूट गए, साथ उन्हें मिलाए कैसे
आज भी हम वहीं खड़े है,उन्हें बताए कैसे
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चुप्पी अब साथ रहती है मेरे
गुज़रते वक्त कुछ पूछना नहीं
बस कह देना
जो मैं कहना चाहती हूँ
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तितलियों का पीछा करते-करते
कभी
बहुत दूर चली जाती हूँ
इतनी दूर कि
कोई छूँ भी नहीं पाता-
बिखरे-बिखरे हो तुम अभी,
कभी सैलाब बन आओगे।
पार कर लो ये दरिया बस,
फ़िर मंज़िल पा जाओगे।
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