nisha chowdhury   (ʍɑվɑ)
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Joined 19 February 2020


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Joined 19 February 2020
8 NOV 2021 AT 15:42

Khamoshi ki chikh ko suna hai itne itminan se..
Ab shor chubti nhi hai mujhe

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14 MAY 2020 AT 20:57

कर्म गिने या गिने खुशकिस्मती को
इतना क्यों खफा है,,हर खुशी क्यों बेवफा है
ए ख़ुदा!!
तू ही बतादे क्या करे जो टूटे हुए सासों को राहत मिलजाए..

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1 MAY 2020 AT 18:15

कुछ ख्वाब जो देख कर बड़े हुए वो जैसे कभी थे ही नहीं..
वो ख्वाहिशें जिनसे कभी मिले ही नहीं वो ज़िन्दगी का रुख मोड़ गए..

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5 APR 2020 AT 0:57

Ek shaks ke sath guftagu tab khaas hogye
Jab kisi ne pucha kya baat hai in raunako ki
To bayan na karpaye kissa,,
Kyuki us shaks ka zikr kare kese uske naam ke bagair..

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3 APR 2020 AT 15:13

चंद लम्हे बड़ी फुरसत से रुक से गए है मुझ
में,,
इन्हीं लम्हों में मिल लेती हूं खुद से भी,,तुमसे भी
जितना खुद को पाती हूं उतना तुम्हे भी पालेती हूं,,
खुद को ढूंढने में मसरूफ हूं,, तुमसे मिलने की बड़ी बेचैनी है,,

आस पास की दुनिया बदलती है
पर मेरी दुनिया में कुछ खास फर्क नहीं पड़ता
वक़्त रुक सा गया है मुझमें..




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1 APR 2020 AT 9:35

कुछ बातो का वजूद आज भी कायम है,,
कुछ वादे ऐसे है जैसे कभी किए ही नहीं गए..

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1 APR 2020 AT 9:18

दिन और तारीखे लौट कर आती है,,
वो लम्हे नहीं..

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1 APR 2020 AT 0:43

सोचा है कुछ लम्हों को रोक लेंगे
कुछ मासूमियत बची है,,
कुछ शरारतें,, बचपन की वो ज़िद
उस चीज के लिए रोना जिसे पाना आसान था
आज हम रोते हैं उसी जिंदगी को पाने के लिए
जिंदगी तो है पर बेजान सी है
ना उसमें ख्वाहिशें बस्ती हैं,, ना ही वो ज़िद,,
कुछ खोए से रास्ते हैं,, जिनकी मंजिले तो गुम है पर फिर भी उनमें चलने की एक अजीब सी ख्वाहिश है,,

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1 APR 2020 AT 0:20

खामोशियों का भी अपना सफर होता है
बड़े शोर और कई तुफानों को पीछे छोड़कर आती है..

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8 MAR 2020 AT 23:22

Mere jesa mujhko mujhime hi Mila..

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