(जिंदगी)
तू थक मत ,जिंदगी तुझसे भी किराया लेगी
मकान तेरा इतना बड़ा नही ,लोग न हो पर किराया पूरा लेगी
वाह री जिंदगी ,तू मेरा इतना बडा इम्तिहान लेगी
थक कर तो सोया तू चैन लेने, जिंदगी की गोद में
मां की गोद जैसा चैन ,ज़िंदगी की गोद न देगी
जब गर हुआ गोद का भी किराया, तो तुझे उस ज़िंदगी से शिकायत होगी
वाह री जिंदगी ,तू इतना बड़ा इम्तिहान लेगी
भूख से आवाज लगाएगा ,वो दो रोटी मुफ्त न होंगी
पूछेगा जो रोटी की कीमत तेरे बाप की, पसीने के बराबर होगी
ले लेगी, तूझसे दो रोटी का किराया भी, जब रोटी की भूख तुझे जोरों से होगी
वाह री जिंदगी ,तू मेरा इतना बड़ा इम्तिहान लेगी
लड़कर किसी गैर से रोयेगा जब तू, तेरे पास कोई बहन न होगी
तेरे रोने का, फिर ज़िंदगी तुझ से मिलकर, किराया लेगी
पूछेगा कीमत जब तू उसकी, तेरी बहन की फटकार जितनी होगी
वाह री जिंदगी ,तू मेरा इतना बड़ा इम्तिहान लेगी
मन करेगा, लगा लू गले से किसी को ,भाई के नाम तब तेरी ज़िंदगी होगी
गले लगाने की कीमत, भी ले लेगी किराये में ,ये जिंदगी ही अपने और पराए की पहचान तुझे देगी
वाह री जिंदगी ,तू मेरा इतना बड़ा इम्तिहान लेगी
धन्यवाद।।
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