मेरी अंधेरी राहों में जुगनू बन साथ निभाया है तूने मेरी नम आंखों को हरदम हंसाया है तूने मेरा जीवन रहे खाली, पर तू खुशी से भरा रहे, हमेशा मुझे मुझसे बेहतर बनाया है तूने
शिद्दत से पाये हुए, मुकाम 'फ़ीके लगते हैं! मौसम-ए-बहार के, सारे जाम 'फ़ीके लगते हैं! कि जब से इश्क़ हुआ है ख़ाकी💓 से "निश्छल" इश्क़ के, दूजे हर नाम 'फ़ीके लगते हैं!!!
अपनी सफलता के सपने दिल में बसाए रखिए, पांव धीरे ही सही, मंजिल की ओर बढ़ाए रखिए, कौन कहता है बिन तेल के, दीपक जल नहीं सकता, तमस बढ़ने तक नज़रें टिकाए रखिए!!