मेरी अंधेरी राहों में जुगनू बन साथ निभाया है तूने
मेरी नम आंखों को हरदम हंसाया है तूने
मेरा जीवन रहे खाली, पर तू खुशी से भरा रहे,
हमेशा मुझे मुझसे बेहतर बनाया है तूने-
कि मैं ढूंढ़ता रहा तुझे,
पत्थरों में, चादरों में ए ख़ुदा!
तू पतझड़ सी सूखी,
आस भरी आंखों से, मुझसे!
भीख मांगता हुआ चला गया!!
~ © Indian *निश्छल*
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शिद्दत से पाये हुए, मुकाम 'फ़ीके लगते हैं!
मौसम-ए-बहार के, सारे जाम 'फ़ीके लगते हैं!
कि जब से इश्क़ हुआ है ख़ाकी💓 से "निश्छल"
इश्क़ के, दूजे हर नाम 'फ़ीके लगते हैं!!!-
मेरे एतबार का उसे इंतज़ार था।।
उसके इंतज़ार पर मुझे एतबार था।।
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शौर्य रुधिर से करूं सिंचित इसे,
देश पर मर मिटना ही अंजाम मेरा है!
मै भारत का वीर लहू और,
प्रतापी हिन्द ही भगवान मेरा है!!
जय हिन्द......-
रातों को जगाता है जो,
वो अरमान ही "खाकी" है!
हमारा तो इश्क़ भी "खाकी" है,
और जान भी "खाकी" है!!-
अपनी सफलता के सपने दिल में बसाए रखिए,
पांव धीरे ही सही, मंजिल की ओर बढ़ाए रखिए,
कौन कहता है बिन तेल के, दीपक जल नहीं सकता,
तमस बढ़ने तक नज़रें टिकाए रखिए!!-
इन बादलों की आगोश में सुबह हो,
इस बाग की महकी शाम हो जाऊं मैं।
हर पहर बीते यहीं मेरा,
इन रास्तों में गुमनाम हो जाऊं मैं।
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