Nirupma Srivastava  
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Joined 21 January 2019


Joined 21 January 2019
17 DEC 2019 AT 18:48

कश्ती थी जब मझधार में हवाओं ने जालिम ख़ता किए
तूफा़ं ने रस्ते दिये मुसलसल जन्नत नजर आ ही गयी|

दीपक को हवाओं से ग़र हुनर है बचाने का
रोशनी लड़खडा़ए कहीं पर बुझ नहीं सकती|

हम होश में मदहोश थे रब की जो शर्त मुझसे थी
दामन की आग लपटों ने हवनकुण्ड का रुख़ किया|

मैं पैदल थी, बद् घोडो़ं पे, लक्ष्मण रेखा न पार हुयी
बर्छी- भाले गुमदिशा हुए फिर तो बस जयकार हुई|

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10 SEP 2019 AT 9:34

जा़म ए इश्क़ की तासीर खु़श्बूदार है
वो खुशबू भी जीने का सब़ब बनती है|

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29 AUG 2019 AT 14:18

आई थी सपनों में अभी वो नूर बन के,
जिन्दगी अब हसरत के सिवा कुछ भी नहीं|

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27 AUG 2019 AT 23:55

The closest companion for sharing our innermost thoughts.

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26 AUG 2019 AT 17:59

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई
वर्षों से हम भाई-भाई
आतंकी भड़काते हैं
नेता भी बहकाते हैं
जनता की लाशों पर दोनों
स्वसाम्राज्य बनाते हैं
जनहित और देशहित ये है
सच की हम पहचान करें
न्याय दिलाने की खातिर हम
भाई हेतु बलिदान करें
जिसने जो भी खोया है
उसके हक का भी सम्मान करें|
साथ अगर हम सब आएंगे
ये दोनों भी डर जाएंगे
तीन जाति गर होगी केवल
जनता, आतंकी और ये नेता
जुटकर हम फिर इन दोनों की
खूब खैर लगाएंगे|

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17 AUG 2019 AT 18:28

We made strategy to lock ourselves together forever....just to find that the whole universe and our parents conspired for the same 😜🌹🌹

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14 AUG 2019 AT 19:19

That I fear if world will admire you.
Because today's world recognizes fake only.

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10 AUG 2019 AT 14:40

कुछ ऐसे हो कबूल|
सब प्रेम से रहें,
किसी को न हो ग़रूर|

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10 AUG 2019 AT 14:27

an enthusiastic journey taking us to the destination supreme.

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10 AUG 2019 AT 14:21

ज्ञान विवेक स्वास्थ्य

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