काट दिया वो जबान सोचके
मुंह से ना निकले हाय
तोड़ दिया उस गर्दन को
कि फिर से उठ ना ये पाय
जल्द फैसला हो इस घटना का
मनीषा मांगे अपना न्याय
देर हो गई न्याय में तो फिर
वो भी है बड़ा अन्याय!!-
जज्बात आपके अल्फ़ज़ मेरे... यह facebook मे मेरा page है
Wise men speak because they have something to say; fools because they have to say something
Plato-
साथ तो अक्सर बेवफ़ा होता है
वफ़ा तो जुदाई निभाती है
आंसू ही सच्चे हमसफ़र हैं इस सफर में
बीती मुस्कुराहटें तोऔर रुलाती है!!-
बेहतर होता है ईश्क का मुकम्मल ना होना
इसे मुकम्मल करने इंसान सुधरता है
ईश्क मुकम्मल हुई तो सच से सामना होता है
फिर उस सच्चाई से बचने राह टटोलता है!-
कुछ लोग आग से डरते हैं
और कुछ आग बन जाते हैं
कुछ प्यार पर लिखते हैं
और कुछ प्यार कर जाते हैं
अपना अपना फितूर है हर किसी का..
कुछ मर के भी जीते हैं
कुछ जीते जी मर जाते हैं!-
आज भले ही हम हैं बेरोजगार इंजिनियर्स
पर कभी नहीं होते हैं बेकार इंजिनियर्स
एक रात में पूरा सिलेबस पड़ लेते हैं
चुटकियों में कई नई कहानियां गढ़ लेते हैं
जहां कई डिग्रियां और कईयों काम होता है
इंजीनियर्स सब काम बखूबी कर लेते हैं
अगर फैकल्टी या सब्जेक्ट बोरिंग हो
तो एक दूजे सकल से ही सब पढ़ लेते हैं
बंग ,नकल प्रॉक्सी कर लेते है कभी कभी
अटेंडेंस के लिए निडर हो सब से लड़ लेते हैं
एक दो बैक नहीं, पूरा बैक हो तो भी आस होती हैं
हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन बगल वाले के पास होती है
कहीं एसिनमेंट कहीं प्रोजेक्ट की बात होती है
हॉस्टल में कहां कभी दिन और रात होती है
हर काम में होते हैं माहिर ,लगभग लगभग रजनीकांत
दोस्ती यारी ,PLप्यारी ,ct sectional से आक्रांत
हर सुख दुःख को मस्ती में रह कर सहना चाहत है तो फिर
दोस्त बना लो किसी इंजिनियर को,और कर लो मन को शांत
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हिंदी दिल में, हिंदी लब में
अपनी हिंदी, प्रचलित सब में
हिंदी भाषा, देश की भाषा
अंश हिंदी का रहता नभ में-
a river
a massy distracted flowing river
taking everything with itself
bracking every limits of my life
breching all my plans-
मिल गया है अन्न ,पर प्रशन्न नहीं मन अभी
जो नहीं सम्पन्न,कल के भय में जन जन अभी
खुल गया है कोष ,पर जीत कोशों दूर है,
सोच सोच मन दुःखी, अस्तव्यत जीवन अभी!
बीत रहा समय जैसे काट रहे हैैं सजा
ना नयन में कांति, ना हृदय में ही मजा
चित्त हुआ अशांत, रात दिन है आक्रांत
युवा आज बेसहारा, जोश कहीं जा तजा!
एक आस की है आस
नौकरी की है तलास
ख़ुद को खो के युवा आज
कर रहा अथक प्रयास
नभ के तारों के तुल्य , बेरोजगार हैं आभी
घर में बैठे , मन ही मन में घर से भागते सभी
किसको कहे किससे बोले, रोए छुप छुप कहीं
हर वो युवा जो बेकारी से ,परेशान है अभी
थोड़ा समझो कोई उनको, वो परेशान है अभी
एक थपकी प्यार की ,मांगे वो कभी कभी
हौसला रहेगा तभी तो ,वो कौशल दिखा पाएंगे
वो हैं युवा, दोगे मौका ,देश बढ़ेगा तभी!-
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
सफल करे देकर जो ज्ञान
वह गुरू है मेरा भगवान
जो देते पल भर के कष्ट
पर कर देता सब कुछ स्पष्ट
करो गुरू का हर दम सम्मान
लाओ ना मन के अभिमान
बन ज्ञानी ,मनों गुरू की आज्ञा
बढ़ जाती मस्तिष्क की प्रज्ञा
सत्य का राही बनना है तो
आज करो ये दृढ़ प्रतिज्ञा
मनोरंजन अब कम करना है
पल पल उपयोगी करना है
ज्ञान का अर्जन करके हमको
नव युग का स्वागत करना है
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