बे अकलो को दुनियाँ जहान का साथ मिल जाता है
फिर भी उनका ज़हन संभल नहीं पाता है
एक अकेला इंसान ज़रा सा होश में आता है
फिर हर कोई उसी के गुण गाता है-
सुनो......
एक शाम गुज़ारनी है तुम्हारे साथ
किसी समुन्दर किनारे बैठ कर
ठंडी ठंडी हवाओं में खो कर
ढलते हुए सूरज को देख कर
तुम्हारे कांधे पर अपना सिर रख कर-
सर्दी में गर्मी का एहसास
बारिश में प्यासी बूंदो का एहसास
रेगिस्तान में मीठी बर्फ का एहसास
सिर्फ़ इश्क़ करा सकता है-
मुक़्क़मल हस्ती के दिल में दर्द होता है
शायरों के लफ्ज़ो में मर्ज़ होता है
हर कोई किस्मत के जोर पर सब कुछ नहीं पाता
थोड़ा थोड़ा हाथ तो गम-ऐ ज़िन्दगी का भी होता है-
वो शायर रो पड़ा
जब उसे एहसास हुआ
उसकी मोहब्बत पाक है
लेकिन क़भी मुक़्क़मल नहीं होगी-
बुरे हालातों पे हर कोई ज़ख्मो को कुरेदता है
कुरेदतें कुरेदतें ज़ख्मो पर नमक भी लगाता है
क्या एहसास होता है यह सोचना बस में नहीं हैं
इंसान क़भी इंसान हो सका है यह ख्याल अखरता है-
हर तरफ इश्क़ की होड़ मच रही है
जानता कोई नहीं लेकिन भीड़ लगी है
दो पल के हाल चाल को आदत बता रहे है लोग
कितने ना समझ है एहसासों की धज्जिया उड़ रही है-
ज़िन्दगी जंग है तो जूनून भी है
ज़िन्दगी सुकून है तो आंतक भी है
कोई समझ ना सका इसके क़दमों को
ज़िन्दगी गुलज़ार है तो ख़ाक भी है-
ज़िन्दगी क्या है यह मत सोचो
ज़िन्दगी कैसी हो यह ज़रूर सोचो
माना की ख़्वाबों से कुछ नहीं बदलता
लेकिन ख्वाब देखने से भी कुछ नहीं बिगड़ता-
जिसे दिल की धक् धक् सुनाई देती है
सिर्फ़ वही इश्क़ को महसूस करने के काबिल है-