कुछ समुन्दर की बात करते हैं,
हम तो आपकी आँखों में डूब जाते हैं ।।-
Chhattisgarh Government
IIT GUWAHATI
◆Civil engineer😂
◆Sapiosexual, ... read more
'किस्से' तो बहुत है कहने को,
पर 'किस्से' कहे ।
मेरी तन्हाई, किसी शख्स की महोताज़ नहीं।
ये तो है अनकही अनसुनी ।-
शायरी,
प्रेम का आखिरी पन्ना है,
जिसने सच्चा प्यार पा लिया ।।
मगर...
इंतज़ार में जो मज़ा है
जो हासिल करने में कंहा।।-
क्यूँ ना मुझसे सवाल पूछा जाए,
की मैंने सच कह दिया।
मुझे कटघरे में लाया जाए,
की मैं औरों की तरह ख़ुदगर्ज़ नहीं।
क्यूँ ना इस ज़माने की सारी ज़ंजीरें,
मुझ पर डाल दी जायँ।
औरों से अलग और जुदा ,
रहने की इतनी क़ीमत तो होनी ही चाहिए ।।
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अपनी इच्छा अपनी महत्वकांशा,
कभी मायने नहीं रखीं, न कभी रखेंगी।
जीवन अपनों के लिए ही जीने में सादगी है,
गर्व है मुझे इस बात पर।।-
तेरे इंतज़ार में हर एक पल बरसों सा लगता है,
की तेरे ज़ुल्फ़ तले मुझे सुकून की चाहत है।
तेरी मुस्कान में मुझे शामिल होना है,
कब तक अपनी चाँद को दूर से निहारता रहूँगा।
कभी तो मुलाकात की चाहत रखूँगा
दूरियों का एहसास मुझसे पूछो
कोई यूँ ही हर साँस में किसी का नाम नहीं लेता,
पर जानते हैं इंतज़ार में अपना मज़ा है।।-
मेरी तन्हाई अपनी दास्तां बयां करती है,
जब तुम साथ न होते हो।
मैं अक्सर इसे छुपाता हूँ,
अब दुरी सहन न होती है।
तेरे सामने होने से मै खुश होता हूँ,
तेरे न होने से गम में जीता हूँ।
रब से दुआ है यही मेरी,
की इन रास्तों में अब तू साथी हो।
तेरा हँसने और रोने में,
मै हरदम साथ हूँ।
तेरा साथ होना ही सब कुछ है।।-
किसान दिवस, 23 Dec
पैर हो जिनके मिटटी में,
हाथ कुदाल पर रहते हैं।
सर्दी, गर्मी या हो बारिश,
सब कुछ ही वो सहते हैं।
मेहनत कर वो अन्न उगाते,
पेट सभी का भरते हैं।
वो है मसीहा मेहनत का,
किसान जिन्हें हम कहते हैं।
देश का असली पालनहार किसान होते हैं।-
ठण्ड भी अपने आगोश में लेने को बेकरार थी,
पर हम ठहरे गर्म मिजाज के... ।।-
एक शायर का बदनाम होना आम बात है,
लोग आज भी तालियों से पहले उँगलियाँ उठाते हैं।।-